Faceless assessment scheme: आनलाइन फेसलेस योजना से होगी मुश्किल आसान, जानिए क्या कहना है एक्सपर्ट का

Faceless assessment scheme सीए इंस्टीट्यूट की सिकासा शाखा ने किया एक दिवसीय सेमिनार व वार्षिक समारोह। डिजिटल काम ने किया मुश्किलों को आसान। द्तीय सत्र में गुरुग्राम से आए वक्ता सीए अरुण अग्रवाल ने इंफोर्समेंट टेक्नोलाजी विषय पर चर्चा की।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 11:24 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 11:24 AM (IST)
Faceless assessment scheme: आनलाइन फेसलेस योजना से होगी मुश्किल आसान, जानिए क्या कहना है एक्सपर्ट का
सीए इंस्टीट्यूट की सिकासा शाखा ने किया एक दिवसीय सेमिनार व वार्षिक समारोह।

आगरा, जागरण संवाददाता। अगस्त 2020 से आयकर विभाग ने फेसलेस योजना को पूरी तरह लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत कर निर्धारण एवं प्रथम अपील प्रक्रिया को फेसलेस घोषित किया गया है| रविवार को यह जानकारी सीए राकेश अग्रवाल ने दी। वह द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया का सिकासा आगरा शाखा की एक दिवसीय सेमिनार व वार्षिक समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने बताया कि बजट 2021 में द्वितीय अपील को भी फेसलेस करने की पहल की गयी है| फेसलेस प्रकिया में करदाता व आयकर विभाग अधिकारियों का कभी आमना-सामना नहीं होगा| संपूर्ण प्रक्रिया आनलाइन ही होगी| करदाता को नहीं पता होगा कि उसका कर निर्धारण अधिकारी कौन है और कर निर्धारण अधिकारी को भी करदाता के विषय में कोई जानकारी नहीं होगी। इस प्रकिया से ईमानदार करदाता को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन प्रक्रिया फेसलेस होने से कर विवाद में बढ़ोत्तरी होने की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता।प्रथम सत्र में में सहवक्ता सिद्दार्थ गोयल थे।

आइटी का है बड़ा योगदान

द्तीय सत्र में गुरुग्राम से आए वक्ता सीए अरुण अग्रवाल ने इंफोर्समेंट टेक्नोलाजी विषय पर चर्चा की, उन्होंने बताया कि इस तकनीक की चार्टर्ड अकाउंटेंसी में बड़ी भूमिका है।सीए विद्यार्थी समय के साथ इंफोर्मेशन टेक्नोलाजी प्रक्रिया को बेहतर ढ़ंग से अपना लें, क्योंकि सभी प्रकिया डिजिटल हो रही हैं| आफिस मैनेजमेंट हो या व्यापारी का आडिट या सरकारी कार्य, प्रकिया या डेटा की सुरक्षा महत्वपूर्ण है| आज व्यापार का आकार डिजिटल प्लेटफार्म के कारण प्रतिदिन बड़ा हो रहा है, जिससे आडिट प्रकिया जटिल हो रही है| इन जटिलताओं को आसान नहीं किया गया, तो सही समय पर व्यापारी को लाभ हो रहा है या हानि, उसकी जानकारी हमें नहीं मिल पायेगी|

सुनना भी है जरूरी

सिकासा अध्यक्ष सीए दीपिका मित्तल ने लाकडाउन को वर्चुअल माध्यम के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने भविष्य में विद्यार्थियों को समय प्रबंधन सिखाने पर जोर दिया। कहा कि जो विद्यार्थी वक्ता को ध्यान से सुनते हैं, वही आगे चलकर वक्ता के रूप में निखरते है और सफलता पाते हैं। इसलिए किसी को ध्यान से सुनकर ही जीवन में कुछ नया सीखा जा सकता है। द्वितीय सत्र में सह वक्ता अभय अग्रवाल रहे। शुरुआत आगरा शाखा अध्यक्ष शरद पालीवाल, आशीष जैन, गौरव बंसल, सुदीप जैन, अरुण अग्रवाल आदि ने की।सेमिनार के बाद विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। 

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