Faceless assessment scheme: अंतर 10 लाख से कम और सालाना आय 50 लाख हुई, तो फेसलेस होगा असिस्मेंट
Faceless assessment scheme सीए इंस्टीट्यूट ने किया वर्चुएल सेमिनार का आयोजन। वित्त विधेयक 2021 पर दी जानकारियां। बताया कि धारा 143(वन) में यदि टैक्स की इंटीमेशन आती है तो टैक्स आडिटर की रिपोर्ट के आधार पर सीपीसी आय में शामिल कर सकते हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। आय में 10 लाख रुपये से कम का अंतर हो या सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है और उसका सर्च व सीजर नहीं हुआ है, तो फेसलेस असिस्मेंट धारा 245एमए डिस्प्यूट रिजोलुसन स्कीम के अंतर्गत कराना होगा। यह जानकारी सीए एड. कपिल गोयल ने दी।
वह शनिवार को द इंंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया की आगरा शाखा की वर्चुअल बैठक में वित्त विधेयक 2021 पर बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि एक फरवरी 2021 से ढ़ाई लाख रुपये से अधिक के यूलिप खरीदने पर उसकी अवधि पूरी होने के बाद कैपिटल गेन देना होगा। देरी से जमा व रिवाइज्ड (बीलेटेड एंड रिवाइज्ड) रिटर्न जमा करने की अवधि एक फाइनेंशियल समाप्त होने से नौ माह तक कर दी गयी है। वहीं असिस्मेंट की सीमा भी तीन माह से कम कर दी है। धारा 143(वन) में यदि टैक्स की इंटीमेशन आती है, तो टैक्स आडिटर की रिपोर्ट के आधार पर सीपीसी आय में शामिल कर सकते हैं। वहीं धारा 148 में असिस्मेंट की अवधि छह से तीन वर्ष कर दी गयी है। वहीं धारा 281 बी के अंतर्गत किसी आयकर डिमांड दो करोड़ रुपये से अधिक है, तो आयकर अधिकारी प्रोपर्टी अटैच कर सकते हैं। उद्घाटन कपिल गोयल, शाखा अध्यक्ष आशीष जैन, उपाध्यक्ष गौरव बंसल, सचिव दीपिका मित्तल व कोषाध्यक्ष सौरभ नारायण सक्सेना ने किया। संचालन शोर्या मिश्रा ने किया।