Tax Evasion: ब्रज में बोगस फर्मों का बिछा जाल, देश भर में हो रहा कारोबार

Tax Evasion वाणिज्यकर विभाग का करोड़ों रुपये का हो रहा टैक्स चोरी। संसाधनों का अभाव होने की वजह से कार्रवाई में हो रही देरी। पिछले करीब एक वर्ष में वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने मथुरा में दो दर्जन से अधिक फर्जी फर्मों को पकड़ा है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 04:25 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 04:25 PM (IST)
Tax Evasion: ब्रज में बोगस फर्मों का बिछा जाल, देश भर में हो रहा कारोबार
वाणिज्यकर विभाग का करोड़ों रुपये का हो रहा टैक्स चोरी।

आगरा, जेएनएन। टैक्स चोरी रोकने के लिए जीएसटी को लागू किया गया। बावजूद इसके वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी टैक्स चोरी पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। हालांकि वह लोग अपनी कोशिश जरूर कर रहे हैं, लेकिन संसाधन और स्टाफ का अभाव होने की वजह से लगाम नहीं कस पा रहे हैं। हालांकि हर माह तीन-चार बोगस फर्मों को पकड़ने में जरूर कामयाबी हासिल कर रहे हैं। ये फर्म देश भर में कारोबार कर रही हैं। ऐसी एक दर्जन से अधिक की जांच चल रही है।

पिछले करीब एक वर्ष में वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने मथुरा में दो दर्जन से अधिक फर्जी फर्मों को पकड़ा है। इनमें से अधिकांश फर्म केंद्रीय क्षेत्राधिकार में पंजीकृत हैं। इन फर्म स्वामियों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) बचाने के लिए एक-एक नहीं बल्कि कई-कई फर्जी फर्म कागजों पर ही बना डाली हैं। इनमें फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल किए गए हैं। जिन लोगों के आधार, पैन कार्ड, बिजली के बिल आदि लगाए हैं, वह जीएसटी की एबीसीडी तक नहीं जानते हैं। किसी भी तरह उन लोगों को बहला फुसलाकर शातिर दस्तावेज हथिया लेते हैं। फिर केंद्रीय क्षेत्राधिकार में अपना पंजीकरण करा लेते हैं। वर्तमान में भी एक दर्जन से अधिक संभावित फर्जी फर्मों की अधिकारी जांच कर रहे हैं। इन फर्मों के तार दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडू समेत देश के कई राज्यों से जुड़ रहे हैं। बोगस फर्मों का जाल कुछ इस तरह से बिछाया गया है कि वह जिम्मेदारों के पकड़ में तक आता है, जब करोड़ाें रुपये का टैक्स चोरी हो जाता है।

हम लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं। शक होने पर तत्काल फर्मों की जांच कर रहे हैं। जहां भी गड़बड़ी मिल रही है। उनकी आइटीसी को ब्लाक की जा रही है। जिन फर्मों से माल खरीदा जा रहा है या फिर बेचा जा रहा है। उनकी भी जांच कराई जा रही है।

एपी सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर - वाणिज्यकर विभाग

chat bot
आपका साथी