आगरा में ब्‍लेकमेलर गैंग, शहर के युवा किए जा रहे हैं हनी ट्रैप

अजनबी से वाट्सएप मैसेज भेजकर फंसाते हैं जाल में। वीडियो काल पर अश्लील हरकतों के बाद शुरू होती है ब्लैकमेलिंग। कमला नगर में एक महीने के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा युवा हनी ट्रैप के शिकार हो चुके हैं। शातिरों ने ब्लैकमेल करके ई-वालेट में रकम भी ट्रांसफर करा ली।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:22 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:22 AM (IST)
आगरा में ब्‍लेकमेलर गैंग, शहर के युवा किए जा रहे हैं हनी ट्रैप
आगरा में युवाओं को ब्‍लेकमेल करने वाला गैंग सक्रिय है।

आगरा, जागरण संवाददाता। शहर के युवा हनी ट्रैप करके ब्लैकमेल करने वालों गिरोहों के निशाने पर हैं। कमला नगर में एक महीने के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा युवा हनी ट्रैप के शिकार हो चुके हैं। शातिरों ने उन्हें ब्लैकमेल करके अपने ई-वालेट में रकम भी ट्रांसफर करा ली। मगर, परिवार और समाज में बदनामी के के डर से पीड़ित पुलिस के पास मुकदमा दर्ज कराने नहीं जा रहे हैं।

पिछले महीने यमुना के पार के डाक्टर उमाकांत गुप्ता हनी ट्रैप का शिकार हो गए थे। राजस्थान के गैंग ने युवती के माध्यम से उन्हें अपने जाल में फंसा अगवा कर लिया था। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए डाक्टर को मुक्त करा लिया। मगर, हनी ट्रैप का जाल फेंकने वाले छोटे-छोटे कई गिरोह सक्रिय हैं। जो युवाओं और बुजुर्गो को अपने जाल में फंसा रहे हैं। कमला नगर में एक महीने के दौरान आधा दर्जन लोग हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं।

इनमें से अधिकांश युवा हैं, कुछ चांदी कारीगर है, कई परचूनी की दुकान करते हैं। पिछले दिनों उनके वाट्सएप पर अजनबी युवती ने हेलो लिखकर भेजा। युवती ने मैसेज किया कि वह उनसे बात करना चाहती है। इसके बाद वह युवकों से चैट करने लगी। कुछ दिन बाद ही यह चैट अश्लील बातों में बदल गई। युवती ने युवकों से कहा कि वह उनसे वीडियो काल पर बात करना चाहती है।वीडियो काल रिसीव करते ही युवती ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए।

उसने युवकों से भी कपड़े उतारने की कहा। युवकों के ऐसा करते ही काल कट गई। इसके कुछ देर बाद ही उनके स्क्रीन शाट वाट्सएप पर भेज दिए। युवती ने इन फोटो को इंटरनेट मीडिया में वायरल करने की धमकी दी। युवकों से कहा कि उनके फोटो फेसबुक पर अपलोड कर दिए जाएंगे। उससे 30 हजार रुपये की मांग की गई। परिवार और समाज में होने के डर से युवक दहशत में आ गए। बाद में इन युवकों से चार से पांच हजार रुपये तक वसूल किए गए। रकम छोटी होने के चलते हनी ट्रैप के शिकार हुए पीड़ित पुलिस के पास नहीं गए।

उन्हें डर था कि पुलिस या साइबर सेल मुकदमा दर्ज कर जांच करेगी तो उनका नाम सामने आएगा।इसलिए उन्होंने शिकायत नहीं की।मगर, जाल में फंसे युवा अब अपने दोस्तों और हम उम्र परिचितों को हनी ट्रैप से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं। उन्हें वाट्सएप पर किसी अजनबी युवती का मैसेज आने पर चैटिंग नहीं करने की कह रहे हैं।

पुलिस में बताते ही ब्लैकमेलर ने दोगुना कर दी रकम

कमला नगर में रहने वाले एक चांदी कारीगर को भी हनी ट्रैप के जाल में फंसाकर दस हजार रुपये मांगे गए। उसने ब्लैकमेलर को डराने के लिए खुद को पुलिस में बता दिया। इस पर ब्लैकमेलर ने रकम दोगुनी कर दी। मगर, युवक ने बताया कि वह मजदूरी करता है, इसके बावजूद शातिर ने उससे अपने ई-वालेट में एक हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए।

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया इस तरह के मामले में पीड़ित शिकायत करने से डरते हैं। पीड़ितों को शिकायत करनी चाहिए, वह मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहते हैं तो न लिखाएं। पुलिस जांच करके आरोपितों को पकड़ेगी। पीड़ितों के सामने न आने से आरोपितों का दुस्साहस बढ़ता है। साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें इस तरह के अपराध से बचाव के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। साइबर सेल के पास जो शिकायतें आ रही हें, उनमें इस तरह के अपराध में युवा और बुजुर्ग ज्यादा शिकार हो रहे हें।

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