Black Marketing: आगरा में डीएपी को हाहाकार, अभी दो दिन और करना होगा इंतजार

सहकारी समितियों में डीएपी नहीं उपलब्ध। बाजार में जमकर हो रही कालाबाजारी। किसानों से 400 से 500 रुपये प्रति पैकेट तक अधिक वसूले जा रहे हैं। रैक लग चुकी है जिसे आगरा पहुंचने में 72 घंटे लगेंगे। इसके बाद डीएपी की किल्लत नहीं रहेगी।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 04:04 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:04 PM (IST)
Black Marketing: आगरा में डीएपी को हाहाकार, अभी दो दिन और करना होगा इंतजार
किसानों को रविवार तक अभी और इंतजार करना होगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। सहकारी समितियों पर डीएपी उपलब्ध नहीं है। सप्ताहभर से किसान बैरंग वापस लौट रहे हैं, जबकि कुछ समितियों पर तो 15 दिन से डीएपी उपलब्ध नहीं है। वहीं निजी विक्रेता जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं। किसानों से 400 से 500 रुपये प्रति पैकेट तक अधिक वसूले जा रहे हैं। रैक लग चुकी है, जिसे आगरा पहुंचने में 72 घंटे लगेंगे। किसानों को रविवार तक अभी और इंतजार करना होगा।

सितंबर से जिले में डीएपी की किल्लत बनी हुई है, जबकि अब सहकारी समितियों पर पूरी तरह उपलब्धता समाप्त हो गई है। जिले की 105 समितियाें के किसान चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनका समय ही बर्बाद हो रहा है। इस कारण सरसों, आलू की बुवाई के लिए संकट खड़ा हो गया है। सरसों की बुवाई का तो समय निकला जा रहा है, जबकि आलू की बुवाई शुरू होने में देरी हो रही है। समितियों के लिए जिले में कुल उपलब्ध 1350 मीट्रिक टन डीएपी को दो अक्टूबर को भेजा जा चुका है, जिसका वितरण भी हो गया है। इसके बाद कोई नई रैक जिले को उपलब्ध नहीं हुई है। वहीं निजी विक्रेता कालाबाजारी करने में जुटे हैं। किरावली के किसान हरीओम ने बताया कि सप्ताह भर से समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन डीएपी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इससे बुवाई प्रभावित हो रही है। बिचपुरी के किसान आनंद ने बताया कि डीएपी समिति पर नहीं मिल पा रही है, जबकि बाजार में मनमाने दाम लिए जा रहे हैं। विक्रेता 1600 से 1700 रुपये का पैकेट दे रहे हैं, जबकि कीमत 1200 रुपये है। एआर काेओपरेटिव राजीव लोचन ने बताया कि रैक की उपलब्धता नहीं होने के कारण डीएपी में मुश्किल हो रही है। रविवार तक नई रैक आने की उम्मीद है। इसके बाद डीएपी की किल्लत नहीं रहेगी।

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