ब्लैक फंगस संदिग्ध महिला मरीज के नाक से लिए गए सैंपल

नाक में पनपती है ब्लैक फंगस मरीज की आंख में सूजन फंगस की जांच को माइक्रोबायोलाजीलैब भेजे गए सैंपल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:30 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 11:30 PM (IST)
ब्लैक फंगस संदिग्ध महिला मरीज के नाक से लिए गए सैंपल
ब्लैक फंगस संदिग्ध महिला मरीज के नाक से लिए गए सैंपल

आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस संदिग्ध महिला मरीज के गुरुवार को सैंपल लिए गए। फंगस की जांच के लिए सैंपल माइक्रोबायोलाजी लैब में भेजे गए हैं। महिला मरीज की आंख और उसके नीचे के हिस्से में सूजन है, डाक्टरों की टीम इलाज कर रही है।

56 साल की मुजफ्फरनगर निवासी महिला मरीज की कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मेडिसिन वार्ड में इलाज चल रहा है। मरीज की आंख और नाक के बगल में सूजन आने पर वार्ड में अलग कर दिया है। मेडिसिन विभाग के डा. आशीष गौतम ने बताया कि लक्षण के आधार पर महिला मरीज को ब्लैक फंगस संदिग्ध मानते हुए नाक से सैंपल लिए गए हैं। सैंपल को कालेज की माइक्रोबायालाजी लैब में जांच के लिए भेजा गया है। इसके साथ ही कई अन्य जांच भी कराई जा रही हैं। इन रिपोर्ट के आधार पर ब्लैक फंगस की पुष्टि की जाएगी। नाक में ही ग्रो करता है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस को पैदा होने के लिए हवा की जरूरत होती है, यह नाक में ही ग्रो करता है। इसलिए ब्लैक फंगस के प्रारंभिक लक्षण भी नाक में ही मिलते हैं। नाक में ग्रो करने से आंख में खून की सप्लाई करने वाली धमनियां ब्लाक हो जाती हैं और रोशनी कम होने लगती है। इसके साथ ही आंख के नीचे सूजन आ जाती है। स्टेरायड के अत्यधिक प्रयोग से बढ़ा खतरा

कोरोना मरीजों में स्टेरायड का अत्यधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। ऐसे में मधुमेह, कैंसर और टीबी मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर स्टेरायड के अधिक इस्तेमाल से ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

निजी क्लीनिक पर पहुंच रहे मरीज

आंखों की रोशनी कम होने और सूजन आने पर कोरोना से ठीक हो चुके मरीज निजी नेत्र रोग विशेषज्ञों से परामर्श ले रहे हैं। इन मरीजों को दिल्ली रेफर किया जा रहा है। अब तक 10 मरीजों को दिल्ली रेफर किया जा चुका है।

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