कोरोना के इलाज से ब्लैक फंगस, इंजेक्शन न मिलने से इलाज बंद

35 साल के युवक का 14 दिन निजी अस्पताल में चला इलाज आंखों में सूजन और कम हो गई रोशनी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 05:10 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 05:10 AM (IST)
कोरोना के इलाज से ब्लैक फंगस, इंजेक्शन न मिलने से इलाज बंद
कोरोना के इलाज से ब्लैक फंगस, इंजेक्शन न मिलने से इलाज बंद

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना के इलाज में स्टेरायड देने से युवक को ब्लैक फंगस हो गया है। निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस का इलाज चल रहा था, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। युवक की हालत बिगड़ती जा रही है।

रायभा, अछनेरा निवासी बंटू 35 को बुखार आने पर स्वजनों ने रामबाग क्षेत्र के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चार दिन इलाज चला, तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली गेट स्थित निजी कोविड हास्पिटल में रेफर कर दिया। 27 अप्रैल को आंख में सूजन आ गई, लेकिन डाक्टरों ने गंभीरता से नहीं लिया। स्वजन ने बताया कि कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया। आंखों में सूजन बढ़ने और रोशनी कम होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाया, इसके बाद लायर्स कालोनी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। यहां 7800 रुपये कीमत के हर रोज पांच इंजेक्शन लगाए गए। 28 दिन तक इंजेक्शन लगने थे, बाजार में 32 इंजेक्शन ही मिले। दिल्ली, गुड़गांव में भी इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं, इसलिए अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। अब घर पर है, इलाज में करीब आठ लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। बताते चलें कि यूपी के मेरठ में एक केस ब्लैक फंगस का सामने आ चुका है। उसके बाद से ही लोगों में इस रोग को लेकर दहशत बनी हुई है। अभी तक ब्लैक फंगस का कोई केस रिपोर्ट नहीं आया है, मरीज की जांच कराई जाएगी, एसएन में निश्शुल्क इलाज कराया जाएगा। जिसे भी आंख में सूजन और रोशनी कम हो, वह एसएन में इलाज करा सकता है।

डा. आरसी पांडे, सीएमओ

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