डेढ़ माह में नौ मरीजों पर ब्लैक फंगस का पलटवार
फालोअप प्रक्रिया में मिले यह मरीज जांच में मिला संक्रमण लापरवाही और अनियंत्रित ब्लड शुगर मानी जा रही वजह
आगरा, जागरण संवाददाता । मई में आगरा में दहशत फैलाने वाले ब्लैक फंगस ने स्वस्थ हो चुके मरीजों को फिर अपनी चपेट में लेने की कोशिश की। पिछले डेढ़ माह में स्वस्थ हो चुके 98 मरीजों में से नौ ऐसे मिले हैं, जिनकी जांच में संक्रमण मिला है। इन मरीजों को भर्ती नहीं किया गया है, बल्कि एंटी फंगल दवाओं से इलाज किया जा रहा है।
ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एसएन मेडिकल कालेज में अलग से वार्ड बनाया गया था। यहां आगरा जिले के 98 मरीजों का इलाज हुआ था। स्वस्थ हुए मरीज हर 15 दिन में फालोअप के लिए बुलाए जा रहे हैं। इसी प्रक्रिया में पिछले डेढ़ माह में यह नौ मरीज मिले। ब्लैक फंगस वार्ड के नोडल अधिकारी डा. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि इन मरीजों में इस बार कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिला, पर दूरबीन विधि से जांच और एमआरआइ कराई गई तो ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। डा. सिंह का मानना है कि दोबारा ब्लैक फंगस से संक्रमित होने के पीछे लापरवाही मुख्य कारण हो सकती है। इसके अलावा इन मरीजों की ब्लड शुगर अनियंत्रित मिली है। परहेज में लापरवाही और दवाओं का सही समय पर सेवन न करना भी एक कारण माना जा रहा है। 14 की हुई थी मौत
ब्लैक फंगस वार्ड में जिन मरीजों का इलाज हुआ था, उनमें से 14 की मौत हुई थी। कई मरीजों की जान बचाने के लिए जबड़ा और आंख तक निकाली गई थी। पिछले एक माह में कोई नया मामला नहीं आया है। शुगर रखनी होगी नियंत्रित
चिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी जितनी जल्दी पकड़ में आएगी, इलाज उतना ही सफल होगा। ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना होगा। बिना वजह स्टेरायड के इस्तेमाल से भी बचना होगा।