114 साल बाद विदा होगा काले हिरणों का कुनबा, यहां भेजे जाने की हो चुकी है तैयारी Agra News
सेंट्रल जू अथॉरिटी से मिली अनुमति सिकंदरा स्मारक में हैं करीब 80 मृग। इटावा लॉयन सफारी में होंगे शिफ्ट तैयार कराई जाएगी विशेष गाड़ी।
आगरा, जागरण संवाददाता। सिकंदरा स्मारक में करीब 114 साल पहले काले हिरणों का जोड़ा लाया गया था। स्मारक में अब इन हिरनों का कुनबा काफी बड़ा हो गया है। सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति मिलने के साथ ही हिरनों का ये कुनबा जल्द ही इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट हो जाएगा।
इतिहासकार राज किशोर राजे बताते हैं कि सिकंदरा स्मारक में वर्ष 1905 में एक अंग्रेज अफसर काले हिरण के दो बच्चे (नर और मादा) छोड़ गए थे। प्रजनन के बाद स्मारक में हिरनों का कुनबा बढ़ता गया।
वर्ष 2007-08 में बीमारी के कारण यहां तीन दर्जन से ज्यादा काले हिरनों की मौत हो गई थी। घटना को लेकर दायर याचिका सुनवाई करते हुए वर्ष 2015 में हाईकोर्ट ने कृष्ण मृगों को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। इटावा लॉयन सफारी में शिफ्टिंग प्रक्रिया तभी से शुरू करा दी गई थी। सेंट्रल जू अथॉरिटी से अब अनुमति मिल पाई है। वर्तमान में स्मारक के उद्यान में लगभग 80 कृष्ण मृग हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, लखनऊ से पत्र आते ही विशेष गाड़ी तैयार कराई जाएगी। नवंबर अंत तक ये प्रक्रिया शुरू हो सकती है। शिफ्टिंग के लिए एएसआइ ने वन विभाग को 52.90 लाख रुपये दे दिए हैं।
मंगवाई गई है विशेष गाड़ी
सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिल चुकी है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से पत्र मिलते ही विशेष गाड़ी बनवाई जाएगी। इसके बाद शिफ्टिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मनीष मित्तल, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग आगरा