154 अस्पतालों से संक्रमण फैलने का खतरा
बायोमेडिकल वेस्ट में प्लास्टिक की मात्रा कम मिलने पर तैयार की गई सूची सिरिज सहित अन्य प्लास्टिक वेस्ट के दोबारा इस्तेमाल की आशंका
आगरा, जागरण संवाददाता। अस्पतालों के बायोमेडिकल वेस्ट से कोरोना, एचआइवी और हेपेटाइटिस संक्रमण फैलने का खतरा है। 154 निजी अस्पतालों में इस्तेमाल की हुई सिरिज, प्लास्टिक की बोतल, उपकरण, ग्लब्स आदि बाजार में बिक रहे हैं। इन्हें दोबारा इस्तेमाल करने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए टीम गठित की है।
450 निजी अस्पतालों के बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण जेआरआर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किया जा रहा है। पिछले कई महीनों से बायोमेडिकल वेस्ट में इस्तेमाल की हुई सिरिज, प्लास्टिक की बोतल, ग्लब्स सहित अन्य प्लास्टिक वेस्ट की मात्रा कम हो गई है। इस वेस्ट को अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी बाजार में बेच रहे हैं। प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल अन्य प्लास्टिक मैटेरियल बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही सिरिज सहित अन्य प्लास्टिक वेस्ट दोबारा इस्तेमाल हो रहा है। इससे कोरोना, एचआइवी और हेपेटाइटिस संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। ये है हाल
-निजी अस्पताल और नर्सिंग होम- 450
-अस्पतालों से निकल रहा बायोमेडिकल वेस्ट हर रोज -1800 से 2000 किलोग्राम
-बायोमेडिकल वेस्ट में प्लास्टिक -200 से 250 ग्राम, (मानक के अनुसार 800 से 900 ग्राम होनी चाहिए) 154 अस्पतालों की सूची तैयार की गई है। इनकी जांच कराई जाएगी, बायोमेडिकल वेस्ट बाजार में बेचने के आरोप सही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
डा. आरसी पांडे, सीएमओ डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार अस्पताल के बायोमेडिकल वेस्ट में 40 से 50 फीसद प्लास्टिक होनी चाहिए। मगर, 154 अस्पतालों से पांच से दस फीसद ही प्लास्टिक वेस्ट मिल रहा है। इनकी सूची स्वास्थ्य विभाग को दी गई है।
जितेंद्र शर्मा, निदेशक जेआरआर वेस्ट मैनेजमेंट