फिर बाहर आया बीएड फर्जी डिग्री मामले का जिन्न

आगरा जागरण संवाददाता। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद डा. भीमराव आंबेडकर विश्वि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:00 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:00 PM (IST)
फिर बाहर आया बीएड फर्जी डिग्री मामले का जिन्न
फिर बाहर आया बीएड फर्जी डिग्री मामले का जिन्न

आगरा, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बाद डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के बीएड फर्जी डिग्री मामले का जिन्न बोतल से फिर बाहर आ गया है। कोर्ट ने चार महीने का समय दिया है। इस अवधि में विश्वविद्यालय को अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ की जांच के साथ ही सात फर्जी डिग्री वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी करना है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने शुक्रवार को वर्ष 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त 2823 सहायक अध्यापकों के अंकपत्र, डिग्री, नियुक्ति रद करने व बर्खास्तगी को सही मानते हुए हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था। इन आरोपितों ने अपना पक्ष ही नहीं रखा था। बीएसए ने इन्हें बर्खास्त कर दिया था।

कोर्ट ने अंकपत्र से छेड़छाड़ के आरोपी और फर्जी डिग्री पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने वाले 812 सहायक अध्यापकों को जांच पूरी होने तक बर्खास्तगी को स्थगित रखने के भी आदेश दिए। कोर्ट ने जिन सात अभ्यर्थियों ने दस्तावेज पेश कर दिए थे, उनके दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए विश्वविद्यालय को एक माह का समय दिया है। खंडपीठ ने कहा है कि दस्तावेज यदि सही हों तो इनकी बर्खास्तगी रद की जाए।

कोर्ट के आदेश के बाद विश्वविद्यालय में चार सदस्यीय कमेटी को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस कमेटी ने ही पिछले साल जांच में 812 फर्जी डिग्री अभ्यर्थियों की सूची न्यायालय को सौंपी थी। कमेटी 1084 ऐसे अभ्यर्थियों की जांच करेगी, जिन पर अंकतालिकाओं से छेड़छाड़ का आरोप है। इस कमेटी में प्रो. मनोज श्रीवास्तव, प्रो. लवकुश मिश्रा, प्रो. हरवंश सिंह और प्रो. पीके सिंह शामिल हैं। यह कमेटी चार माह में अपनी जांच पूरी करेगी। कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि उच्च न्यायालय से मिले निर्देशों के अनुसार ही कार्यवाही होगी।

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