भालुओं की प्रजनन प्रक्रिया पर मांगा प्रस्ताव
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्य सचिव ने किया सूर सरोवर पक्षी विहार का निरीक्षण वाइल्डलाइफ एसओएस के भालू संरक्षण केंद्र की देखी हालत
आगरा, जागरण संवाददाता। वर्ष 2019 के बाद से सूर सरोवर पक्षी विहार स्थित भालू संरक्षण केंद्र में एक भी भालू नहीं लाया गया है। वहीं केंद्र में भालुओं की मृत्यु दर बढ़ रही है। 200 से ज्यादा भालुओं में से 160 बचे हैं। इस हिसाब से तो एक दिन केंद्र खाली हो जाएगा। इन्हें बचाने के लिए इनकी प्रजनन प्रक्रिया पर काम करना आवश्यक है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने वाइल्डलाइफ एसओएस के अधिकारियों से यह बात कही और उनसे भालुओं की प्रजनन प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव मांगा।
सोमवार को सुधीर गर्ग ने कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार का निरीक्षण किया। उन्होंने ईको टूरिज्म को बढ़ाने देने व पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। भालू सरंक्षण केंद्र में हैंडीक्राप्ट की दुकान को मुख्य द्वार के पास स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों से कहा कि भालुओं की प्रजनन प्रक्रिया के लिए अच्छी ब्रीड के नर/मादा भालुओं को साथ रखा जाए। इसके लिए प्रक्रियाओं का प्रस्ताव बनाकर दें, जिसे केंद्र व राज्य सरकार को भेजा जा सके। प्रजनन के बाद अच्छी ब्रीड के भालुओं को जंगल में छोड़ा जाएगा। प्रमुख सचिव ने तेंदुआ रेस्क्यू सेंटर बनाने के भी निर्देश दिए हैं। इस दौरान अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव (कानपुर, पश्चिमी क्षेत्र) सुनील चौधरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के प्रवीन राव, मुख्य वन संरक्षक राकेश चंद्रा, राष्ट्रीय चंबल सेंक्चुरी परियोजना आगरा जोन के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव, सूर सरोवर पक्षी विहार के वन क्षेत्राधिकारी योगेश सिंह आदि मौजूद रहे।
कीठम स्थित सूरसरोवर पक्षी विहार में भालू संरक्षण केंद्र में इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।