GST: कोरोना दवाएं और मेडिकल उपकरण खरीदते समय बरते थोड़ी सावधानी, वरना फंस सकते हैं मुनाफाखोरों के जाल में

GST कहीं आपके आपके हक को मारकर तो नहीं हो रही मुनाफाखोरी। जीएसटी की घटी दरों का लाभ न पहुंचाना सीजीएसटी अधिनियम में है मुनाफाखोरी। 14 जून 2021 से 30 सितंबर 2021 तक जीएसटी दरें कम की गई हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:00 AM (IST)
GST: कोरोना दवाएं और मेडिकल उपकरण खरीदते समय बरते थोड़ी सावधानी, वरना फंस सकते हैं मुनाफाखोरों के जाल में
थाेड़ी सी जागरुकता से मुनाफाखोरों का शिकार बनने से बचा जा सकता है।

आगरा, संदीप शर्मा। कोरोना दवाओं और मेडिकल उपकरण खरीदते समय थोड़ी सावधानी बरतें। ध्यान से देखे कि आपको जीएसटी की घटी हुई दरों का लाभ मिल रहा है या नहीं। क्योंकि ग्राहकों तक जीएसटी की घटी दरों का लाभ न पहुंचाना, सीजीएसटी अधिनियम की धारा 171 के तहत मुनाफाखोरी माना जाएगा। इसमें शिकायत सही मिलने पर अर्थदंड और पंजीयन निरस्त होने तक की कार्रवाई संभव है।

सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक में सिफारिशों के आधार पर कोविड-19 संबंधी दवाओं व उपकरणों की बिक्री पर 14 जून 2021 से 30 सितंबर 2021 तक जीएसटी दरें कम की गई हैं। ऐसी दवाओं व उपकरणों के सप्लायर को जीएसटी दरों में कटौती या इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ मूल्य में अनुरूप कमी कर उपभोक्ताओं तक अनिवार्य रूप से पहुंचाना है। ऐसा न करना जीएसटी अधिनियम की धारा 171 के तहत मुनाफाखोरी माना जाएगा।

ऐसे करें शिकायत

मुनाफाखोरी के मामलों में पीड़ित उपभोक्ता या प्राप्तकर्ता अपनी शिकायत उचित साक्ष्यों के साथ राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के पोर्टल एनएए डाट जीओवी डाट इन पर दर्ज करा सकते हैं। साथ ही एससी डाट एंटीप्रोफिटरिंग एट जीओवी डाट इन पर भी ई-मेल से दर्ज करा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उपभोक्ताओं को काफी सजग रहना होगा। दवाओं आदि के पूरे बिल लेने होंगे और यह भी दिखाना होगा कि उन्होंने कमी होने के बाद भी ज्यादा जीएसटी काटा है। थाेड़ी सी जागरुकता से मुनाफाखोरों का शिकार बनने से बचा जा सकता है। 

यह होगी कार्रवाई

शिकायत सही पाए जाने पर सीजीएसटी नियमावली के नियम 133 के तहत अर्थदंड व पंजीयन निरस्तीकरण का नियम है। 

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