Basic Education: बनने लगे हैं हालात, प्रोन्नत किए जाएंगे विद्यार्थी, RTE बनेगा माध्यम

Basic Education हालात देखकर जताई जा रही है संभावना। आठवीं तक के विद्यार्थी आरटीई के कारण हो जाएंगे सुरक्षित। कई विद्यालयों ने शिक्षकों को आनलाइन कक्षाओं में ही विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन करने के निर्देश भी दिए हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 09:17 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 09:17 AM (IST)
Basic Education: बनने लगे हैं हालात, प्रोन्नत किए जाएंगे विद्यार्थी, RTE बनेगा माध्यम
आठवीं तक के विद्यार्थी आरटीई के कारण हो जाएंगे सुरक्षित।

आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का वर्तमान सत्र कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ चुका है। स्थिति यह है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में यह विद्यालय शिक्षकों के लिए तो खुले, लेकिन विद्यार्थियों का आना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस सत्र को पूरा होने में महज ढाई महीने शेष है और नया सत्र भी शुरू होना है। इसे देखकर लगता है कि बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में बिना परीक्षा लिए ही विद्यार्थियों को इस बार भी अगली कक्षा में प्रोन्नत करेगा। हालांकि इसको लेकर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है, लेकिन अधिकारी फिलहाल लिखित आदेश के इंतजार में हैं।

कोरोना वैक्सीन लगने की शुरुआत भले हो चुकी है, लेकिन फिलहाल के हालात देखकर नहीं लगता कि कक्षा आठवीं तक के विद्यालय खुलेंगे। खासकर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय, राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालय। ऐसे में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले एक से कक्षा आठवीं तक के करीब एक लाख 34 हजार विद्यार्थियों की इस वर्ष की परीक्षा होने भी मुश्किल होता दिखाई दे रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण करने का प्रावधान भी नहीं हैं। ऐसे में कुछ निजी विद्यालय आफलाइन परीक्षा कराने की बात जरूर कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का विकल्प खोल रखा है।

कुछ ने तैयार की रणनीति

कई विद्यालयों ने शिक्षकों को आनलाइन कक्षाओं में ही विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन करने के निर्देश भी दिए हैं। जबकि परिषदीय विद्यालयों में आनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। कुछ शिक्षक अपने स्तर से विद्यार्थियों को अन्य तरीके से पढ़ाने का विकल्प भी दे रहे हैं। लेकिन इससे महज 10 से 20 फीसद विद्यार्थियों की पढ़ाई ही हो पा रही है। स्थिति यह है कि परिषदीय विद्यालयों में अर्ध वार्षिक परीक्षाएं नहीं हो सकी।

फिलहाल आदेश का इंतजार

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान सत्र में महज ढाई महीना ही बचा है। इसलिए अब अगले सत्र में प्रवेश की रूपरेखा तैयार की जा रही है। ऐसे में मुख्य परीक्षा होंगी या विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा। इस पर कोई आधिकारिक आदेश फिलहाल नहीं मिला है। निर्देश मिलते ही सभी को अवगत कराया जाएगा। 

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