अब सामने आएगा बाबा गोरखनाथ का कवि रूप, केहिंस में हो रहा कविताओं का संरक्षण

केंद्रीय ¨हदी संस्थान तैयार करा रहा पुस्तक। जनवरी में होने वाले पुस्तक मेला में रखी जाएगी किताब।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 11:34 AM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 11:34 AM (IST)
अब सामने आएगा बाबा गोरखनाथ का कवि रूप, केहिंस में हो रहा कविताओं का संरक्षण
अब सामने आएगा बाबा गोरखनाथ का कवि रूप, केहिंस में हो रहा कविताओं का संरक्षण

आगरा(गौरव भारद्वाज): गोरक्षपीठ के अधिष्ठाता बाबा गोरखनाथ का नया रूप सामने लाया जाएगा। अब लोग उन्हें एक कवि व साहित्यकार के रूप में भी जान सकेंगे। उनके जीवन के इस पक्ष और रचनाओं से लोगों को अवगत कराने के लिए केंद्रीय ¨हदी संस्थान ने तैयारी शुरू कर दी है। संस्थान द्वारा 100 साहित्यकारों पर पुस्तकें तैयार की जा रहीं हैं। इनमें बाबा गोरखनाथ का नाम भी शामिल है।

साहित्यकारों व उनकी कृतियों को सहेजने के लिए 80 साल पहले ¨हदी नवरत्नमाला पुस्तक प्रकाशित हुई थी। उसमें नौ ¨हदी कवियों को शामिल किया गया था। इसी तर्ज पर केंद्रीय ¨हदी संस्थान 100 रत्नमाला तैयार कर रहा है। इसमें ¨हदी भाषा के सौ कवियों और साहित्यकारों को शामिल किया गया है। योजना के पहले चरण में गोरखनाथ, जयशंकर प्रसाद, तुलसीदास, सूरदास और मैथिलीशरण गुप्त पर पुस्तक लिखी जाएगी। कम मिलता है बाबा का कवि स्वरूप:

केंद्रीय ¨हदी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नंदकिशोर पांडे ने बताया कि बाबा गोरखनाथ का नाम आदिकाल के प्रारंभिक कवियों में आता है। उनके नाम पर करीब 40 पुस्तकें हैं। ¨हदी साहित्य में उनका कवि स्वरूप कम उभर पाया है। किताब दिसंबर तक तैयार होगी। पुस्तक को जनवरी में दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले पुस्तक मेला में रखा जाएगा। साहित्य का संरक्षण

- 100 रत्नमाला तैयार कराएगा केंद्रीय ¨हदी संस्थान

- 1200 देशभर के लेखक तैयार करेंगे साहित्यकारों पर आधारित पुस्तकों को

- 05 साहित्यकारों की पहले चरण में पुस्तक होगी प्रकाशित

- 15 लेखक एक पुस्तक का लेखन और संपादन का कार्य करेंगे

- 25 तक आलेख होंगे एक साहित्यकार पर आधारित पुस्तक में

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