Weather Change Effect: बदल गया है मौसम का मिजाज, अस्थमा के रोगी ध्यान रखें ये बातें

Weather Change Effect मौसम का ​बदल रहा मिजाज अस्थमा। सीओपीडी के मरीजों को समस्या। अस्थमा अटैक के बढने लगे मामले दवाएं लेना ना करें बंद। अस्थमा क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज सीओपीडी और सांस संबंधी बीमारियों से पीडित मरीजों के सांस लेने पर प्रदूषक तत्व फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 08:58 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:58 AM (IST)
Weather Change Effect:  बदल गया है मौसम का मिजाज, अस्थमा के रोगी ध्यान रखें ये बातें
अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को अटैक पड रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। सुबह ठंडी हवा के साथ हो रही है। ऐसे में सुबह सुबह टहलने जा रहे सांस संबंधी बीमारियों से पीडित मरीजों को परेशानी होने लगी है। इन्हें धूप निकलने के बाद टहलने के लिए कहा जा रहा है।

सुबह ठंडी हवा चलने के साथ प्रदूषक तत्व निचली सतह पर आ जाते हैं। ऐसे में अस्थमा, क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज सीओपीडी और सांस संबंधी बीमारियों से पीडित मरीजों के सांस लेने पर प्रदूषक तत्व फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। इससे फेफड़ों में सूजन आ रही है, कई दिन तक प्रदूषक तत्वों के सांस लेने पर फेफड़ों में पहुंचने से सांस उखड रही है। ऐसे में अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को अटैक पड रहा है। इन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड रहा है। एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डा संतोष कुमार ने बताया कि सांस संबंधी बीमारियां, अस्थमा और सीओपीडी के मरीज सुबह धूप निकलने के बाद ही टहलने जाएं। शाम को प्रदूषण अधिक होने पर टहलने से बचें।

इन्हेलर की डोज ना करें कम

अस्थमा रोगियों में इन्हेलर के रिजल्ट बहुत अ​च्छे हैं। मगर, यह देखने में आया है कि मरीज तबीयत ठीक होने पर इन्हेलर लेना बंद कर देते हैं। वहीं, तमाम मरीज इन्हेलर की डोज कम कर देते हैं। ऐसे में एलर्जी के कारण उनकी सांस उखडने लगती है। इससे अस्थमा अटैक का खतरा बढ रहा है। ऐसे में मरीज डाक्टर के परामर्श के बिना इन्हेलर की डोज ना बदलें। 

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