Big Breaking: असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर ने चांदी कारोबारी को धमकाकर हड़पे 43 लाख रुपये, मुकदमा दर्ज

मथुरा के कारोबारी ने लोहामंडी थाने में अज्ञात अधिकारी कर्मचारियों के लिखाया मुकदमा। विभागीय जांच में असिस्टेंट कमिश्नर समेत चार के नाम आए सामने। वाणिज्यकर कमिश्नर मिनिस्ती एस ने मुकदमे में नाम खोलने को एसएसपी को लिखा पत्र।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 06:52 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:52 PM (IST)
Big Breaking: असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर ने चांदी कारोबारी को धमकाकर हड़पे 43 लाख रुपये, मुकदमा दर्ज
आगरा में वाणिज्‍य कर के असिस्‍टेंट कमिश्‍नर केे खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

आगरा, जागरण संवाददाता। मथुरा के एक चांदी कारोबारी से वाणिज्यकर के असिस्टेंट कमिश्नर और उनकी टीम ने धमकाकर 43 हजार रुपये हड़प लिए। मुंह खोलने पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराने की धमकी दी। व्यापारी ने घटना के 12 दिन बाद मामले की शिकायत एसएसपी से की। इसके बाद बुधवार रात लोहामंडी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

मथुरा के गोविंद नगर में महाविद्या कालोनी निवासी प्रदीप अग्रवाल की विनायक ट्रेडर्स के नाम से फर्म है। वे श्रीहरि कांप्लेक्स गुड़हाई बाजार से चांदी के गहनों का व्यापार करते हैं। 22 अप्रैल को प्रदीप अपनी गाड़ी से चालक राकेश चौहान के साथ व्यापार के संबंध में बिहार के कटिहार गए थे। वहां 44 लाख रुपये की बिक्री की थी। इनमें से 43 लाख रुपये एक थैले में भरकर उन्होंने गाड़ी में रख लिए। एक लाख रुपये जेब में रखकर वे मथुरा के लिए गाड़ी से निकल लिए। 30 अप्रैल की रात 10.15 बजे वे लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहाबाद टोल प्लाजा पर पहुंचे। यहां फास्ट टैग लेन से उनकी गाड़ी निकलने वाली थी। तब तक एक सिपाही सामने आ गया। उसने चालक से कहा कि गाड़ी साइड में लगाकर साहब के पास चलो। उप्र सरकार लिखी बोलेरो गाड़ी में बैठे साहब ने चालक को अपने पास बैठा लिया। सिपाही प्रदीप की गाड़ी में आकर बैठ गया और गाड़ी लेकर जीएसटी कार्यालय चलने को कहा। थोड़ी देर में ही वे लोहामंडी में स्थित जीएसटी कार्यालय लेकर पहुंच गए। प्रदीप का आरोप है कि वहां पहुंचने पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी की तलाशी ली। गाड़ी में रखे 43 लाख रुपये से भरे थैले को निकाल लिया और कहने लगे कि इसे आयकर विभाग को सौंपेंगे। इसके बाद पूछने लगे कि गाड़ी में चांदी कहां रखी है? प्रदीप ने उन्हें समझाया कि यह रुपये वे चांदी के गहने बेचकर ही लाए हैं, लेकिन वे नहीं माने। उन्हेांने कारोबारी से कहा कि अगर अपनी खैर चाहते हो तो थैले में रखे रुपयों को भूल जाओ। यह भी कहा कि अगर यह बात किसी को बताई तो झूठे मुकदमे लिखा देंगे। रात 12.45 बजे कारोबारी और चालक को छोड़ा गया। इस घटना से वे डर गए थे। तीन दिन बाद उन्होंने व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत को पूरा मामला बताया। उन्होंने अधिकारियों से बात कर इसकी शिकायत की। इसके बाद विभागीय जांच शुरू हो गई। बुधवार को प्रदीप अग्रवाल ने एसएसपी मुनिराज जी से मामले की शिकायत की। उनके आदेश पर बुधवार रात लोहामंडी थाने में अज्ञात साहब, चपरासी, सिपाही और चालक के खिलाफ अमानत में खयानत और धमकी देने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

गुरुवार को इस मामले में वाणिज्यकर कमिश्नर मिनिस्ती एस ने घटना में शामिल अधिकारियों के नाम मुकदमे में शामिल कराने को पत्र भेजा। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि विभागीय जांच में सामने आया है कि असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर अजय कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, आरक्षी संजीव कुमार, और प्राइवेट गाड़ी का चालक दिनेश कुमार घटना में शामिल थे। इन सभी के नाम विवेचना में खोलकर कार्रवाई की जाए। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब विभागीय जांच रिपोर्ट और वाणिज्यकर कमिश्नर का पत्र मिलने के बाद सभी के नाम मुकदमे में प्रकाश में लाए जा रहे हैं। 

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