आगरा में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पत्र पाते ही खिले चेहरे, भर आई आंखें
बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया। जिले के चयनित 95 शिक्षकों को दिए गए नियुक्ति-पत्र। इस दौरान विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधि रहे मौजूद। तीसरी काउंसिलिंग में जिले को 107 अभ्यर्थी आवंटित हुए थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। किसी की आंखें खुशी से झलक रही थीं, तो कोई अपना नियुक्ति पत्र बार-बार देख रहा था। किसी ने उसे ले जाकर सबसे पहले पिता को दिखाया, तो किसी ने फोन करके जानकारी स्वजन को दी। शुक्रवार को यह नजारा कलक्ट्रेट स्थित सभागार में दिखाई दिया।
मौका था बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के तीसरे चरण में पात्र पाए गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र दिए जाने का। इसमें जनप्रतिनिधियों ने प्रक्रिया में पात्र पाए गए 95 अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। नियुक्ति-पत्र पाकर सभी अभ्यर्थियों के चेहरे खिल गए। उन सभी का कहना था कि इस पल का महीनों से इंतजार था। जैसे-जैसे प्रक्रिया में समय बीत रहा था, नौकरी पाने का मौका हाथ से फिसलता दिख रहा था, लेकिन न सिर्फ प्रक्रिया पूरी हुई, बल्कि आज नियुक्ति पत्र भी मिलने पर सपना भी पूरा हो गया।
95 अभ्यर्थी मिले थे पात्र
प्रभारी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ब्रजराज सिंह ने बताया कि तीसरी काउंसिलिंग में जिले को 107 अभ्यर्थी आवंटित हुए, उनमें से 95 ने अपने प्रमाण-पत्र जमा कराए। उन सभी को मुख्य अतिथि राज्यमंत्री डा. जीएस धर्मेंद्र, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया, विधायक योगेंद्र उपाध्याय, महेश गोयल, पक्षालिका सिंह, हेमलता दिवाकर कुशवाहा, जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह और जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने नियुक्ति-पत्र वितरित किए। नियुक्ति-पत्र वितरण का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ में हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र दिए। उसका लाइव प्रसारण भी किया गया।
पहली दो काउंसिलिंग में नाम न आने से तमाम तरह की आशंकाएं सता रही थी। आज नियुक्ति पत्र पाकर बेहद खुश हैं।
रश्मि देवी, अभ्यर्थी।
काफी मेहनत कर यह मौका नसीब हुआ है। अब कोशिश रहेगी कि इस जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता व ईमानदारी से निभाऊं।
अश्विनी गुप्ता, अभ्यर्थी।
कई दिनों से प्रक्रिया का इंतजार था, लेकिन लगातार टलने से उम्मीद टूट रही थी। आज सपना पूरा हो गया।
रजनी, अभ्यर्थी।
नियुक्ति-पत्र मिलने पर खुशी संभाले नहीं संभल रही थी। इस पल के लिए सालों से इंतजार था।
गीता वरूण, अभ्यर्थी।
बतौर शिक्षक एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है, कोशिश रहेगी इसे जिम्मेदारी और ईमानदारी से निभाकर शिक्षा का स्तर सुधार सकें।
रवीना धाकड़, अभ्यर्थी।