PM Modi और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आगरा में मुकदमे को अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत

अधिवक्ता ने महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी को बनाया आधार। सीजेएम कोर्ट में दिया प्रार्थना पत्र। राष्ट्र द्रोह मानहानि व आपराधिक षडयंत्र का लगाया आरोप। प्रार्थना पत्र पर 25 नवंबर को होगी सुनवाई। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के प्रार्थना पत्र पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आख्या तलब की है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 05:31 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 05:31 PM (IST)
PM Modi और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आगरा में मुकदमे को अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत
प्रार्थना पत्र पर 25 नवंबर को होगी सुनवाई।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में अभिनेत्री द्वारा महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी को आधार बनाते हुए जिसमें राष्ट्र द्रोह अधिनियम, मानहानि एवं आपराधिक षडयंत्र की धारा में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। अदालत ने न्यू आगरा थाने से रिपोर्ट मांगी है। अदालत प्रार्थना पत्र पर 25 नवंबर को सुनवाई करेगी।

राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता के अनुसार 17 नवंबर को उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों में अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी व पोस्ट को पढ़ा। जिसमें आजादी भीख में मिली थी एवं गांधी जी के अहिंसात्मक सिद्धांत (कोई तुम्हारे एक गाल पर चांटा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो) का उपहास उड़ाया था।

अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, अनेक देशभक्त शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों सहित पूरे राष्ट्र का अपमान किया। प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करनी थी। मगर, उन्होंने ऐसा न कर अपने कर्तव्य एवं उत्तर दायित्व का पालन नहीं किया। इससे पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर की भी गांधी जी के प्रति मर्यादित टिप्पणी पर प्रधानमंत्री मौन साधे रहे थे। जिससे प्रार्थी समेत अन्य अधिवक्ताओं एवं करोड़ों देशवासियों की भावना को ठेस पहुंची है। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के प्रार्थना पत्र पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यू आगरा थाने से आख्या तलब की है। प्रार्थना पत्र पर 25 नवंबर को सुनवाई होगी। 

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