पाक की जीत पर खुशी, कश्‍मीरी छात्रों की पैरवी करने को आगरा में वकील नहीं तैयार

आरबीएस कॉलेज में पढ़ने आए कश्मीरी छात्रों की कानूनी सहायता नहीं करेंगे अधिवक्ता। कई अधिवक्‍ता संगठनों ने लिया ये निर्णय। अभी तक कश्‍मीरी छात्रों का नहीं आया कोई स्‍वजन। अदालत ने देशद्रोह की धारा बढ़ाकर भेजा है जेल। कॉलेज कैंपस पर भी नजर।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 08:01 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 08:01 AM (IST)
पाक की जीत पर खुशी, कश्‍मीरी छात्रों की पैरवी करने को आगरा में वकील नहीं तैयार
आगरा में कश्‍मीरी छात्रों पर देशद्रोह की धारा बढ़ाई गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। टी-20 में भारत और पाकिस्‍तान के मैच के बाद पाक की जीत पर जश्‍न मनाने वाले कश्‍मीरी छात्रों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अदालत ने देशद्रोह की धारा बढ़ाते हुए जेल भेजा है। वहीं आगरा में अधिवक्‍ताओं के विभिन्‍न संगठनों ने ये निर्णय लिया है कि यहां कोई भी वकील, कश्‍मीरी छात्रों के मामले में पैरवी नहीं करेगा। दूसरी तरफ कश्‍मीर से अभी तक छात्रों के परिवार का कोई भी सदस्‍य आगरा नहीं आया है।

गिरफ्तार कश्‍मीरी छात्रों को पुलिस ने गुरुवार को अदालत में पेश किया था। इस दौरान हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ धक्‍का मुक्‍की भी की थी। वहीं कई अधिवक्ता संगठनों ने पाक की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों की कानूनी सहायता न करने का निर्णय लिया है। दीवानी परिसर में युवा अधिवक्ता संघ व आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन, जनपद बार एसोसिएशन, अधिवक्ता सहयोग समिति ने बैठक की। जिसमें कश्मीरी छात्रों के कृत्य की निंदा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोई अधिवक्ता देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त छात्रों की कानूनी सहायता न करे। जिससे समाज में यह संदेश जाए कि देश विरोधी लोगों की अधिवक्ता समाज कोई मदद नहीं करेगा। बैठक में नितिन वर्मा, सुनील शर्मा, कृष्ण मुरारी माहेश्वरी, गगन शर्मा, विनोद कमल आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

जांच के दायरे में आ सकते हैं अन्य कश्मीरी छात्र

बिचपुरी कैंपस में मंगलवार को इंटरनेट मीडिया में वायरल हुई कश्मीरी छात्रों की चैटिंग व वाट्सएप स्टेटस की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इंजीनियरिंग कैंपस में कुल 11 कश्मीरी छात्र पढ़ रहे हैं। वर्तमान में यहां पर सात छात्र रह रहे थे। पुलिस की जांच दायरे में यह छात्र भी हैं। जेल भेजे गए छात्रों ने इन मैसेज को कितने लोगों को भेजा था। यहां रहने के दौरान उनकी किन-किन लोगों से बात होती थी। वह कश्मीर में किसी संगठन से तो नहीं जुड़े थे। पुलिस इन सभी पहलुओं से जांच कर रही है।

इंजीनियरिंग कालेज परिसर में पसरा सन्नाटा

कॉलेज प्रबंधन ने कालेज को छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। जिसके चलते गुरुवार को परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। केवल स्टाफ के चुनिंदा लोग ही वहां दिखाई दिए। यहां विभिन्न छात्रावासों में 300 से ज्यादा छात्र रहते हैं। यह छात्र जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों के हैं। बुधवार से ही छात्रावास में रहने वाले छात्रों का अपने घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया था। गुरुवार की सुबह तक सभी छात्रा-छात्राएं जा चुके थे। कालेज के प्रधानाचार्य डाक्टर पंकज गुप्ता ने बताया कैंपस की सुरक्षा के लिए प्रशासन से मांग की है।

कैंपस की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसी की नजर

कश्मीरी छात्रों का मामला सामने आने के बाद इंजीनियरिंग कालेज कैंपस पर खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। जेल भेजे गए कश्मीरी छात्रों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। इसके साथ ही कैंपस में रहने वाले अन्य छात्रों पर भी उनकी नजर हैं। 

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