Death in Fever: आगरा में बुखार से एक और बच्चे की मौत, अब तक छह डेंगू संदिग्ध तोड़ चुके यहां दम
पिनाहट में पूर्व प्रधान के 14 साल के बेटे को दो दिन पहले आया था बुखार। इलाज के लिए ला रहे थे आगरा। रास्ते में ही तोड़ दिया दम। इससे पहले पांच बच्चों की मौत हो चुकी है और स्वास्थ्य विभाग व आगरा प्रशासन पुष्टि नहीं कर रहा डेंगू की।
आगरा, जागरण संवाददाता। बुखार और डेंगू का प्रकोप बढने के साथ मौत होने लगी हैं। रविवार को बुखार से पिनाहट में पूर्व प्रधान के 14 साल के बेटे की मौत हो गई। वहीं, शनिवार को फतेहपुर सीकरी में भाई बहन की मौत हो गई थी। आगरा में अब तक छह बच्चों की मौत हो चुकी है। मृतक बच्चों के परिजनों का कहना है कि मौत डेंगू से हुई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन डेंगू से मौत होने की बात नहीं मान रहे हैं। केवल डेंगू संदिग्ध ही दर्शाया जा रहा है।
पिनाहट के चचिहा गांव के पूर्व प्रधान रवि पांडेय के 14 साल के बेटे छोटू को दो दिन से बुखार आ रहा था, उसका इलाज फतेहाबाद में चल रहा था। रविवार को सुबह तबीयत बिगडने पर स्वजन छोटू को आगरा लेकर जा रहे थे रास्ते में मौत हो गई। बच्चे की मौत देख परिजन सुधबुध खो बैठे हैं। तमाम रिश्तेदार इकट्ठे हो गए। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ये बुखार कैसा है, जिसने हंसते-खेलते बच्चे को हमेशा की नींद में सुला दिया।
पिनाहट में रविवार सुबह बच्चे की मौत होने पर विलाप करतीं महिलाएं।
फतेहपुर सीकरी में भाई बहन की मौत
शनिवार को फतेहपुर सीकरी में डेंगू संदिग्ध भाई बहन की मौत हो गई थी, यहां के गांव रसूलपुर निवासी किसान सुरेश चंद के 10 वर्षीय बेटी डिंपल, सात वर्षीय रूबी, चार वर्षीय पुत्र डिंपी और दो वर्षीय सचिन थे। उन्होंने बताया कि 16 सिंतबर को डिंपी को बुखार आने पर उसे भरतपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। 17 को रूबी को भी बुखार आ गया। उसे भी वहीं भर्ती करा दिया। चिकित्सकों ने बताया कि दोनों की प्लेटलेट्स कम हैं। शाम को रिपोर्ट में दोनों में डेंगू की पुष्टि हुई। शनिवार सुबह बुखार आने पर स्वजन सचिन को भी वहीं ले गए। सुबह 11 बजे रूबी की सांसें थम गईं। एक घंटे बाद सचिन की भी मौत हो गई। इस पर डाक्टरों ने डिंपी को छुट्टी दे दी। स्वजन घर पहुंचे तो यहां बड़ी बेटी डिंपल को भी बुखार आ गया। स्वास्थ्य टीम ने शाम चार बजे डिंपल और डिंपी को एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया।
उधर, नगला बिहारी निवासी ताराचंद की नौ साल की बेटी हिमांशी कक्षा चार की छात्रा थी। उसे सात दिन पहले बुखार आया, पहले निजी चिकित्सक से इलाज कराया। तबीयत बिगडने पर यमुना पार के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया, प्लेटलेटस काउंट 12 हजार तक पहुंचने के साथ ही ब्लीडिंग होने लगी, शुक्रवार को मौत हो गई। इससे पहले टेढी बगिया के महादेवी नगर में भाई बहन की मौत हो गई थी, इनका निजी अस्पताल में डेंगू का इलाज चल रहा था। इन बच्चों की राजपुर चुंगी निवासी बुआ में डेंगू की पुष्टि हुई है, एसएन में इलाज चल रहा है। जबकि एक बच्चा जिला अस्पताल में भर्ती है। 14 साल के धनौली, 9 साल के ट्रांस यमुना कालोनी, छह साल के लोहामंडी और 18 साल के सैंया निवासी मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है।
डेंगू और मलेरिया की करा रहे हैं जांच
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि जहां भी बुखार के मरीज मिल रहे हैं वहां शिविर लगाया जा रहा है और डेंगू, मलेरिया की जांच कराई जा रही है। नगला बिहारी में शिविर लगाया जाएगा।
शहरी इलाके जूझ रहे गंदगी से
फीरोजाबाद और मथुरा के बाद अब आगरा में डेंगू से मौतें हो रही हैं। उसके बाद नगर निगम ने आगरा के चुनिंदा इलाकों में ही सफाई और फागिंग का अभियान चला रखा है। दयालबाग में तमाम कालोनियां ऐसी हैं, जहां से हाउस टैक्स लेने के बाद भी नगर निगम के सफाई कर्मचारी नहीं आते। यहां नालियां भरी पड़ी हैं और मच्छरों का प्रकोप है। न तो सफाई ही कराई गई है और न ही यहां फॉगिंग हो रही है।