Ambulance Strike: आगरा में बहाल नहीं हो पाई एंबुलेंस सेवा, गर्भवती और प्रसूताएं हो रहीं परेशान

आगरा में तीन दिन में हुई 110 डिलीवरी। लेडी लायल अस्पताल और एसएन मेडिकल कालेज में 102 एंबुलेंस सेवा बंद होने से हो रही परेशानी। स्वास्थ्य विभाग गुरुवार को जब्त नहीं कर पाया 102 की 50 एंबुलेंस पायलट गए धरने में लखनऊ।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:20 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:20 AM (IST)
Ambulance Strike: आगरा में बहाल नहीं हो पाई एंबुलेंस सेवा, गर्भवती और प्रसूताएं हो रहीं परेशान
एक घंटे तक स्‍ट्रेचर के इंतजार में एंबुलेंस में लेटी रही प्रसूता।

आगररा, जागरण संवाददाता। पिछले तीन दिनों में लेडी लायल अस्पताल और एसएन मेडिकल कालेज में 110 डिलीवरी हुई हैं। इन प्रसूताओं व गर्भवती स्त्रियों को अस्पताल आने और जाने में स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित एंबुलेंस सेवाओं की हड़ताल के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गुरुवार को भी गर्भवती स्त्रियां व प्रसूताएं आटो, रिक्शा या अपने वाहनों से अस्पताल आ और जा रही थीं क्योंकि 102 एंबुलेंस सेवा अभी भी बंद है।

लेडी लायल अस्पताल में 26 जुलाई को 19, 27 जुलाई को 21, 28 जुलाई को 20 सामान्य डिलीवरी हुई थी। एसएन मेडिकल कालेज में 27 जुलाई को दो और 28 जुलाई को छह सामान्य डिलीवरी हुईं। वहीं, 26 जुलाई को लेडी लायल में आठ सिजेरियन और एसएन मेडिकल कालेज में छह, 27 जुलाई को लेडी लायल और एसएन मेडिकल कालेज में आठ-आठ व 28 जुलाई को लेडी लायल में 10 और एसएन मेडिकल कालेज में दो सिजेरियन डिलीवरी हुई। इन प्रसूताओं को डिलीवरी से पहले अस्पताल तक आने में काफी परेशानी हुई। आटो, रिक्शा या प्राइवेट एंबुलेंस कर यह अस्पताल पहुंची। यहां डिलीवरी होने के बाद घर वापसी में भी एंबुलेंस कर्मियों ने मदद नहीं की। हालांकि बुधवार को जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद 108 की 34 एंबुलेंस मरीजों के लिए उतार दी गई थीं, लेकिन लेडी लायल और एसएन मेडिकल कालेज में गर्भवती व प्रसूताओं के लिए 102 सेवा बंद रही।

स्वास्थ्य विभाग नहीं उतार पाया 50 एंबुलेंस

बुधवार को जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में फैसला लिया गया था कि 50 एंबुलेंस ड्राइवरों को ट्रेनिंग देकर सेवाएं चालू करा दी जाएंगी। पैरामेडिकल स्टाफ भी स्वास्थ्य विभाग ही देगा। 102 की 50 एंबुलेंस को स्वास्थ्य विभाग जब्त कर लेगा, लेकिन गुरुवार को जीवनदायिनी 108 और 102 एएलएस एंबुलेंस कर्मचारी संघ के सदस्य लखनऊ धरने में शामिल होने चले गए। इस वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया।

गुरुवार को भी परेशान हुए मरीज

एसएन मेडिकल कालेज, लेडी लायल और जिला अस्पताल में आसपास के देहात से गर्भवती स्त्रियां आती हैं। एंबुलेंस न होने से गर्भवती स्त्रियों का अस्पताल आने के लिए निजी वाहनों, आटो या प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। यही स्थिति प्रसूताओं को घर छोड़ने में भी हुई।आटो और रिक्शा चालक तीमारदारों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।

एक घंटे से ज्यादा एंबुलेंस में लेटी रही प्रसूता

लेडी लायल अस्पताल में गुरुवार को एक प्रसूता एंबुलेंस में एक घंटे से ज्यादा समय तक स्ट्रेचर पर ही लेटी रही। तीमारदार वार्ड बाय व अन्य कर्मचारियों को बुलाने के लिए इधर से उधर भटकते रहे। एंबुलेंस चालक ने प्रसूता को नीचे उतारने से मना कर दिया।

गुरुवार को खेरागढ़ के पहाड़ी कलां की सुनीता की डिलीवरी खेरागढ़ के स्वास्थ्य केंद्र पर सुबह 10 बजे हुई। ज्यादा ब्लीडिंग की वजह से उसे लेडी लायल अस्पताल भेज दिया गया। सुनीता की देवरानी रोहिनी ने बताया कि उन्होंने 108 एंबुलेंस बुलाई। दो बजे वे लेडी लायल अस्पताल पहुंचे, एंबुलेंस चालक ने सुनीता को एंबुलेंस से नीचे उतारने से मना कर दिया। साथ में आए सुनीता के स्वजन अस्पताल में एक घंटे से ज्यादा समय तक वार्ड बाय व अन्य कर्मचारियों के लिए भटकते रहे। इस बीच सुनीता एंबुलेंस में ही स्ट्रेचर पर लेटी रही। एंबुलेंस चालक ने जल्दबाजी के लिए हल्ला मचाना शुरू कर दिया। बहुत मुश्किलों से वार्ड ब्‍वॉय आए और सुनीता को अस्पताल के अंदर इलाज के लिए लेकर गए। इस बारे में सीएमएस डा. रेखा गुप्ता का कहना है कि यह घटना जानकारी में नहीं आई। अगर ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी। मरीजों को किसी भी सूरत में परेशान नहीं होने दिया जाएगा। 

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