उच्च न्यायालय से आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को नहीं मिली राहत

जांच समिति के पाले में फेंकी फैसला लेने की गेंद। जांच जल्द पूरी करने के दिए आदेश समिति जल्द आ सकती है दोबारा। वहीं डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में एक हफ्ते तक लगी हेल्प डेस्क में 3967 शिकायतें प्राप्त हुईं जिसमें से 274 प्रार्थना पत्र एजेंसी को भेजे गए हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:11 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:11 AM (IST)
उच्च न्यायालय से आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को नहीं मिली राहत
आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अशोक मित्‍तल को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली। न्यायालय ने उनपर लगे आरोपों को गंभीर मानते हुए गेंद जांच समिति के पाले में फेंक दी है। न्यायालय ने राजभवन की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं से कहा है कि जल्द से जल्द जांच पूरी कराई जाए।

बता दें कि गंभीर आरोपों के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुलपति प्रो. मित्तल को पांच जुलाई को कार्य विरत करने के आदेश दिया था। आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया। समिति पिछले दिनों विश्वविद्यालय में दो दिन तक रूक कर सारे बयान, दस्तावेज आदि लेकर गई थी।इससे पूर्व प्रो. मित्तल राज्यपाल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय चले गए थे। सोमवार को हुई सुनवाई में न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकती है।उन्होंने उनकी याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि प्रो. मित्तल पर अधिवक्ता डा. अरुण दीक्षित ने जो वित्तीय और प्रशासनिक कार्यों में अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं, वह काफी गंभीर प्रतीत होते हैं। हाईकोर्ट ने जांच कर रही कमेटी के पाले में ही गेंद डाल दी है। इसके बाद प्रो. मित्तल की उम्मीदें धराशाई हो गई हैं। समिति जांच करने के लिए जल्द ही विश्वविद्यालय में दोबारा आ सकती है। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट कुलाधिपति को सौंप देगी।

सात दिन में मिली 3967 शिकायतें, एजेंसी ने भेजी केवल 274

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में एक हफ्ते तक लगी हेल्प डेस्क में 3967 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसमें से केवल 274 प्रार्थना पत्र ही एजेंसी को भेजे गए हैं। सोमवार को हुई बरसात के कारण प्रार्थना पत्र एजेंसी नहीं भेजे जा सके। छात्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए कार्यकारी कुलपति के निर्देशानुसार उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया।इस समिति ने समाज विज्ञान संस्थान में हेल्प डेस्क की स्थापना की। इस हेल्प डेस्क ने छात्रों से गूगल फार्म, ई-मेल और व्यक्तिगत रूप से शिकायतों के प्रार्थना पत्र लिए। गूगल फार्म से सात दिनों में सबसे ज्यादा 2415 प्रार्थना पत्र, ई-मेल से 675 और 877 छात्रों ने खुद पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। अंतिम दिन 274 शिकायतें प्राप्त छात्रों ने हेल्प डेस्क पहुंचकर दर्ज कराई। कुल 3967 शिकायतों में से केवल 274 शिकायतें ही एजेंसी में भेजी गई हैं। बाकी की शिकायतें अभी भी हेल्प डेस्क के पास हैं। समिति समन्वयक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को हुई बरसात के कारण एजेंसी में शिकायतें नहीं भेजी जा सकी। 15 दिन में कुलपति को समिति द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी भी देनी है। समिति में प्रो. बृजेश रावत, सौरभ शर्मा, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, रजत आदि शामिल हैं।

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