Decision on Examinations: कोरोना, यूजीसी और शासन के बीच फंसा विवि
यूजीसी ने दिए सितंबर में परीक्षा कराने के निर्देश। शासन के निर्देशों का विवि कर रहा है इंतजार।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना के केसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी कारण से लगभग दो महीने तक विवि बंद भी रहा। परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं थी। जून में विवि में कार्य शुरू हुआ। इसके बाद से ही परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। परीक्षा कराने के फैसले को लेकर शासन द्वारा एक कमेटी का गठन भी किया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसके बाद ही पिछले दिनों योगी सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों को परीक्षा निरस्त कर विद्यार्थियों को प्रमोट करने के निर्देश दिए। अब दो दिन पहले यूजीसी ने अपनी नई गाइडलाइंस जारी करते हुए सितंबर कर अंतिम वर्ष की मुख्य परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए। शासन और यूजीसी के निर्देशों के बीच विवि फंस गया है।
आंबेडकर विवि की मुख्य परीक्षाएं दो मार्च से शुरू हुई थीं। 22 मार्च के बाद से ही परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। अब अनलॉक 1.0 में परीक्षाओं को लेकर काफी असमंजस की सि्थति बनी रही। शासन और यूजीसी के निर्देशों में काफी विरोधाभास है। विवि द्वारा अंदरखाने में परीक्षाओं को लेकर तैयारी तो शुरू कर दी है, लेकिन शासन के निर्देशों का इंतजार भी किया जा रहा है। विवि अॉनलाइन परीक्षाएं कराने के लिए भी तैयार नहीं है। दो मंडल के आठ जिलों के कालेज विवि से संबद्ध है। एेसे में विवि द्वारा पहले ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कोरोना की सि्थति और परीक्षा कराने को लेकर अनुमति मांगी थी। विवि प्रशासन नहीं चाहता है कि बिना प्रशासन की अनुमति के परीक्षाएं कराई जाएं। मुख्य परीक्षाओं में लगभग चार लाख परीक्षार्थी शामिल होने हैं। एेसे में विवि के सामने सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराना बड़ी चुनौती होगा। इधर, कोरोना के आगरा में लगातार केस बढ़ रहे हैं। विवि प्रशासन किसी भी सूरत में रिस्क नहीं लेना चाहता है।
यूजीसी की गाइड़लाइंस तो आ चुकी हैं, लेकिन हम शासन के निर्देशों का पालन करेंगे। अभी शासन ने विवि कमेटी की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया है। जो भी निर्देश आएंगे, उसी आधार पर कार्य होगा।
- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति