दस साल में निर्माण न कराने पर निरस्त हो सकता है प्लाट का आवंटन
आधा दर्जन योजनाओं में चिन्हित किए जा रहे हैं आवंटी एडीए उपाध्यक्ष बोले जल्द होगी कार्रवाई प्लाटों पर पड़ रहा है कूड़ा लगातार आ रही हैं शिकायतें
आगरा,जागरण संवाददाता। अगर आपने दस साल या फिर इससे पूर्व आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) से प्लाट / भूखंड खरीदा है। अगर अभी तक प्लाट में कोई निर्माण नहीं कराया है तो यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया के आदेश पर ऐसे प्लाट चिन्हित किए जा रहे हैं। जल्द ही आवंटन को निरस्त किया जाएगा। इसकी वजह प्लाटों में कूड़ा पड़ना है। एडीए कार्यालय में हर दिन ऐसी तीन से चार शिकायतें पहुंचती हैं, जबकि बैठकों में भी यह मुद्दा उठता है। जिसके चलते जयपुर हाउस योजना, कालिदी विहार योजना, ताजनगरी प्रथम और द्वितीय चरण, शास्त्रीपुरम, कालिदी विहार, अशोक नगर, शहीद नगर, जवाहरपुरम योजना में दस साल में निर्माण न होने वाले प्लाटों की सूची बन रही है। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि विशेष कार्याधिकारी गरिमा सिंह से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। 30 प्लाट निरस्त करने की तैयारी : तीन से पांच साल के भीतर बकाया धनराशि जमा न करने पर 30 आवंटियों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इन प्लाटों के आवंटन निरस्त करने की तैयारी चल रही है। इसमें शास्त्रीपुरम योजना, कालिदी विहार योजना, जयपुर हाउस, जवाहरपुरम, अशोक नगर, ताजनगरी प्रथम और द्वितीय योजना शामिल हैं। तीन सप्ताह के भीतर एडीए ने 26 आवंटियों के प्लाट निरस्त किए हैं। हर दिन 500 लोगों को फोन : एडीए की बकाया धनराशि जमा करने के लिए हर दिन 500 आवंटियों को फोन किया जा रहा है। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि शास्त्रीपुरम योजना, कालिदी विहार योजना, जयपुर हाउस, जवाहरपुरम, अशोक नगर, ताजनगरी प्रथम और द्वितीय योजना में तीन हजार आवंटियों पर 450 करोड़ रुपये की बकायेदारी है।
ब्याज माफी के लिए आवेदन पत्रों की संख्या बढ़ी : एडीए कार्यालय में ब्याज माफी के आवेदनों की संख्या बढ़ गई है। एक माह पूर्व हर दिन दो से तीन आवेदन आते थे जो अब बढ़कर पांच से सात हो गए हैं।