Encroachment in Agra: आगरा में अतिक्रमण से घिरा अकबर टाम्ब, दीवार के सहारे भवन निर्माण सामग्री और कूड़े के ढेर, बांधे जा रहे पशु
Encroachment in Agra सिकंदरा स्थित अकबर टाम्ब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) का संरक्षित स्मारक है। इसके सौ मीटर दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता लेकिन कुछ सालों में इस दायरे में तमाम अवैध निर्माण हो चुके हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। संरक्षित स्मारक अकबर टाम्ब अतिक्रमण से घिरता जा रहा है। स्मारक की दीवार के किनारे न सिर्फ भवन निर्माण सामग्री और कूड़े के ढेर लगे हैं बल्कि यहां पशु भी बांधे जा रहे हैं। इसके प्रतिबंधित दायरे में तमाम अवैध निर्माण भी हो गए हैं।
सिकंदरा स्थित अकबर टाम्ब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) का संरक्षित स्मारक है। इसके सौ मीटर दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता लेकिन कुछ सालों में इस दायरे में तमाम अवैध निर्माण हो चुके हैं। न सिर्फ आवासीय भवन बने हैं बल्कि व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं। एएसआई ने कई बार नोटिस दिए लेकिन निर्माण कार्य नहीं रुके। इसी का नतीजा है कि यह स्मारक अतिक्रमण से घिरा दिखाई देता है। हाईवे से बाईंपुर गांव की तरफ जाने वाली रोड पर स्मारक के किनारे गोबर और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। लगभग पांच मीटर तक झांड़ियां उग आई हैं। देखरेख के अभाव में बाहरी ओर से अकबर टाम्ब बदहाल होता जा रहा है। अतिक्रमण और संरक्षण कार्यों के अभाव में बाहरी दीवार के पत्थर जर्जर होने लगे हैं। पूर्व के यहां झुग्गी-झोपड़ियां भी थीं, जिन्हें नगर निगम ने अभियान चलाकर हटा दिया था।
अकबर टाम्ब हिंदू, ईसाई, इस्लामिक, बौद्ध और जैन कला का मिश्रण है। लेकिन इसके पूरा होने से पहले ही अकबर की मृत्यु हो गई। बाद में उनके पुत्र जहांगीर ने इसे पूरा करवाया। जहांगीर ने मूल योजना में कई परिवर्तन किए। इस इमारत को देखकर पता चलता है कि मुगल कला कैसे विकसित हुई।सिकंदरा का नाम सिकंदर लोदी के नाम पर पड़ा। मकबरे के चारों कोनों पर तीन मंजिला मीनारें हैं। ये मीनारें लाल पत्थरों से बनी हैं जिन पर संगमरमर का सुंदर काम किया गया है। मकबरे के चारों ओर खूबसूरत बगीचा है जिसके बीच में बरादी महल है जिसका निर्माण सिकंदर लोदी ने करवाया था। सिकंदरा से आगरा के बीच में अनेक मकबरे हैं और दो कोस मीनार भी हैं। पांच मंजिला इस मकबरे की खूबसूरती आज भी बरकरार है।