Heliport Agra: हवा में लटक गया 'आगरा दर्शन', वायुसेना और टीटीजेड के पास नहीं है हेलीपोर्ट का कोई रिकार्ड
सूचना का अधिकार में वायुसेना के मध्य वायु कमान मुख्यालय ने दी जानकारी। आगरा में पर्यटकों को हवाई दर्शन कराने के लिए बनाया जा रहा है हेलीपोर्ट। आगरा में इनर रिंग रोड और लखनऊ एक्सप्रेस-वे से लगे मदरा में हेलीपाेर्ट बनाया जा रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में पर्यटकों को हवाई दर्शन कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस हेलीपाेर्ट का शिलान्यास किया था, उसका भारतीय वायुसेना और ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी के पास कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। भारतीय वायुसेना के मध्य वायु कमान के बमरौली प्रयाराज स्थित मुख्यालय ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) में हेलीपाेर्ट के निर्माण से संबंधित कोई प्रस्ताव या सूचना होने से इन्कार किया है।
आगरा में इनर रिंग रोड और लखनऊ एक्सप्रेस-वे से लगे मदरा में हेलीपाेर्ट बनाया जा रहा है। पर्यटन विभाग द्वारा यह काम लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड से कराया जा रहा है। वर्ष 2020 के अक्टूबर-नवंबर तक हेलीपाेर्ट बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका है। आरटीआइ एक्टीविस्ट अनिल शर्मा ने हेलीपोर्ट के संबंध में खेरिया एयरपोर्ट के एयर कमोडोर से आरटीआइ में जानकारी मांगी थी। इसका जवाब भारतीय वायुसेना के मध्य वायु कमान के बमरौली प्रयागराज स्थित मुख्यालय ने दिया है। मुख्यालय के अनुसार एयरफोर्स स्टेशन, आगरा में हेलीपोर्ट से संबंधित कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। भारतीय वायुसेना के हैड क्वार्टर को खेरिया एयरपोर्ट द्वारा हेलीपोर्ट के निर्माण से संबंधित कोई प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराया गया है। निर्धारित फार्मेट में हेलीपोर्ट के निर्माण से संबंधित कोई प्रस्ताव या सूचना आगरा एयरफोर्स स्टेशन में नहीं है। अनिल शर्मा ने ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी से भी हेलीपोर्ट के ताज ट्रेपेजियम जोन में होने या उससे बाहर होने के बारे में आरटीआइ में जानकारी मांगी थी। अथारिटी ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इन्कार किया है। इससे योजना के अस्तित्व पर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास
हेलीपोर्ट की 4.95 करोड़ रुपये की योजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ जनवरी, 2019 को कोठी मीना बाजार मैदान में हुई रैली में किया था। पांच एकड़ जमीन में बन रहे हेलीपोर्ट में एक हेलीपैड और हेलीकाप्टर खड़ा करने को दो हैंगर बनाए जा रहे हैं। यहां पर्यटकों की सुविधा को यात्री विश्रामगृह और टिकटघर भी बनेगा। उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा ने इसके लिए जगह उपलब्ध कराई थी। 200 वर्ग गज जमीन किसान से खरीदी गई थी।
बढ़ गई है लागत
लोक निर्माण विभाग ने लखनऊ स्तर पर ही हेलीपोर्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली थी। उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम अप-टू-डेट नहीं थे। स्थानीय स्तर पर इसकी जरूरत महसूस होने पर लागत बढ़ गई। हेलीपोर्ट का रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर वर्ष 2020 में लखनऊ भेजा था।
'हेलीपोर्ट से आगरा का हवाई दर्शन पर्यटकों को कराया जाना है। पर्यटन निगम जिस कंपनी को इसके संचालन की जिम्मेदारी देगा, वही हेलीकाप्टर की उड़ान को अनुमति संबंधित प्रक्रिया पूरी करेगी।'
-अमित, उपनिदेशक पर्यटन
'भारतीय वायुसेना और ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी की अनुमति के बगैर हेलीपाेर्ट का निर्माण अवैध ढंग से कराया जा रहा है। हेलीपोर्ट निर्माण की पालिसी का भी पालन नहीं कराया गया है।'
-अनिल शर्मा, आरटीआइ एक्टीविस्ट