मेट्रो डिपो में होगी जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी

पीएसी ग्राउंड में बन रहा है मेट्रो का पहला डिपो वेस्ट वाटर का ट्रीटमेंट कर फिर से किया जाएगा प्रयोग रेन वाटर हार्वेस्टिग पिट्स भी बनेंगे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 05:35 AM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 05:35 AM (IST)
मेट्रो डिपो में होगी जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी
मेट्रो डिपो में होगी जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा मेट्रो पानी की हर बूंद का सदुपयोग करेगी। फतेहाबाद रोड स्थित पीएसी ग्राउंड में मेट्रो का पहला डिपो बनेगा। डिपो में जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी होगी। वेस्ट वाटर का ट्रीटमेंट कर फिर से प्रयोग में लाया जाएगा। डिपो में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम भी लगेगा। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि मेट्रो डिपो में ड्यूअल प्लबिग की व्यवस्था होगी। यानी यहां पर साफ पानी और रीसाइकल्ड पानी के लिए अलग-अलग पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए डिपो परिसर में एक संयुक्त वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा जिससे विभिन्न गतिविधियों के चलते निकलने वाले वेस्ट पानी को रीसाइकिल किया जा सकेगा। रीसाइकिल्ड पानी का प्रयोग कोच की धुलाई में किया जाएगा। वहीं रेन वाटर हार्वेस्टिग पिट्स भी बनाए जाएंगे। इससे भूगर्भ जलस्तर में सुधार से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ग्रे वाटर और ब्लैक वाटर के लिए बनेगा संयुक्त प्लांट : मेट्रो डिपो में एक लाख की क्षमता का संयुक्त प्लांट लगाया जाएगा। इस ट्रीटमेंट प्लांट में ग्रे वाटर यानी किचन, वाशरूम, फ्लोर क्लीनिग से निकलने वाले पानी को रीसाइकिल किया जाएगा। इसके लिए 70 हजार लीटर की क्षमता का प्लांट लगेगा। इसी तरह से कोच की धुलाई व अन्य में जो भी केमिकल युक्त पानी निकलेगा। ऐसे ब्लैक वाटर को ट्रीट करने के लिए तीस हजार लीटर की क्षमता का प्लांट लगेगा। दोनों प्लांट एक ही बिल्डिग में बनेंगे। अलग-अलग क्षमता के बनेंगे भूमिगत टैंक : डिपो परिसर में अलग-अलग क्षमता के कई भूमिगत टैंक बनेंगे। रा वाटर टैंक की क्षमता 1.25 लाख लीटर, डोमेस्टिक वाटर की एक लाख लीटर और फायर टैंक की क्षमता दो लाख लीटर की होगी।

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