होली पर रंग की जगह बेटियों की आंखों से बरसे आंसू

हत्या से तीन दिन पहले ही प्रियंका ने बेटियों को दिलाई थीं नई पिचकारी बनवाए थे आलू के पापड़ पिता ने पत्नी के साथ ही घोंट दिया बेटियों की खुशियों का गला

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Mar 2021 05:05 AM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 05:05 AM (IST)
होली पर रंग की जगह बेटियों की आंखों से बरसे आंसू
होली पर रंग की जगह बेटियों की आंखों से बरसे आंसू

आगरा, जागरण संवाददाता। मैं रोया परदेस में भीगा मां का प्यार, दुख ने दुख से बात की, बिन चिट्ठी बिन तार। एक मां ही थी जो तीनों बेटियों के बिना कुछ कहे उनके दिल की बात जान लेती थी। उनकी आंखों की उदासी को पढ़ लेती थी। होठों पर हंसी लाने का तब तक जतन करती, जब तक बेटियां हंस नहीं देती थीं। हत्या से तीन दिन पहले प्रियंका से तीनों बेटियों ने होली पर नई पिचकारी की फरमाइश की थी।प्रियंका ने उन्हें अपने साथ ले जाकर पिचकारियां दिलाईं। बच्चियों की फरमाइश के बारे में मकान मालिक बीडी सिंह को पता चला तो उन्होंने प्रियंका को पांच किलो आलू के पापड़ बनाने के लिए दिए। बेटियां खुश थीं कि इस बार मां के साथ होली मनाएंगी। मगर, पिता ने मां का गला घोंटने के साथ ही बेटियों की खुशियों का गला भी घोंट दिया। होली पर रंग की जगह बेटियों की आंखों से आंसू बरस रहे हैं। इसे देखकर परिवार और कालोनी के लोगों की आंखें भी नम हो गईं।

जगदीशपुरा की आवास विकास कालोनी के सेक्टर सात में 25 मार्च की रात को प्रियंका उर्फ रूचि का पति ने दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। बेटियों रिद्धि, सिद्धि और तनु को उनकी मां के शव पर छोड़कर भाग गया था। बेटियां को नाना संजय श्रीवास्तव और नानी गजल अपने घर पर ले आई हैं। मगर, तीनों बेटियां मां को याद करके रो रही हैं। स्वजन ने बताया कि तीनों बेटियों ने मां से नई पिचकारी से होली खेलने की जिद की थी। इस पर प्रियंका ने तीनों बेटियों को अपने साथ ले जाकर पिचकारी दिलाई थी। यही नहीं उनके लिए ढेर सारे पापड़ भी अपनी हत्या से एक दिन पहले बनाए थे। इससे बेटियां बहुत खुश थीं। वह होली का इंतजार कर रही थीं।

मगर, पिता द्वारा मां का गला घोंटने से उनकी खुशियों का भी गला घुट गया। शनिवार को बेटियों को पता चला गया कि अब मां लौटकर नहीं आएगी। स्वजन ने वीडियो काल से उन्हें आखिरी बार मां का चेहरा दिखाया था। इसके बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है। नाना-नानी और परिवार के अन्य लोग किसी तरह समझाकर उन्हें संभाल रहे हैं।

बेटियां बोलीं, पापा बहुत बुरे हैं, उन्हें सजा मिले

पिता द्वारा अपनी आंखों के सामने तीनों बेटियों ने मां को पीटते देखा था। उनका कहना था कि पापा बहुत बुरे हें, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। पापा को इस बार जेल जाने पर छुड़ाकर मत लाना। पहले मां ने उन्हें छुड़ा लिया था। ननिहाल की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। नाना एक पैकेजिग फैक्ट्री में काम करते थे। वहां काम बंद होने के चलते नौकरी पर नहीं जा रहे हैं। तीन बेटियों की जिम्मेदारी परिवार पर आ गई है।

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