लापरवाही और मनमर्जी से बिगड़ेगी संक्रमण की हालात

सड़कों पर बेवजह व बेलगाम दौड़ रहे वाहन ढकेलों पर सज रहे बाजार जुट रही लोगों की भीड़

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 05:30 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 05:30 AM (IST)
लापरवाही और मनमर्जी से बिगड़ेगी संक्रमण की हालात
लापरवाही और मनमर्जी से बिगड़ेगी संक्रमण की हालात

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण रोकने को प्रदेश में आंशिक लाकडाउन लगाया गया है, लेकिन सख्ती की कमी से सड़कों पर बेहिसाब वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। बाजारों में दुकानें भले ही बंद हैं, लेकिन बाजारों से लेकर गली-मुहल्लों तक ढकेल वालों पर जुटने वाली भीड़ लाकडाउन की सार्थकता को खत्म करती नजर आती हैं।

शहर की लगभग हर सड़क, चौराहा, गली और मुहल्ले की यही कहानी है। हालांकि पिछले साल लाकडाउन में पुलिस की अत्यधिक सक्रियता ने लोगों के बेवजह घरों से निकलने और सड़कों पर आवाजाही पर लगाम कसी थी, लेकिन चेकिग में ढील मिलते ही लोगों का बेवजह निकलना शुरू हो जाता है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर लोग सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आते हैं।

ढकेलों पर ही सजे बाजार

लाकडाउन के कारण बाजार और दुकानें भले बंद हैं, सिर्फ किराना और मेडिकल की दुकान ही खुलने की छूट है, लेकिन सब्जी, फल व अन्य सामान ढकेल पर बेचने के लिए कोई पाबंदी नहीं। इसका फायदा उठाकर नौलक्खा, बुंदू कटरा, छीपीटोला, ईदगाह, कुतलुपुर, नामनेर, प्रतापपुरा, बिजलीघर, मंटोला, काजीपाड़ा आदि क्षेत्रों में चौराहों व सड़कों किनारे ढकेलों पर ही बाजार सजने लगे हैं। कई जगह तो स्थिति यह है कि लोगों की भीड़ जुटती है, जो लाकडाउन की सार्थकता खत्म करती नजर आती है। गली-मुहल्ले में निरंकुशता

सबसे ज्यादा निरंकुशता गली-मुहल्लों में नजर आ रही है। लाकडाउन को लोग सामूहिक छुट्टी मानकर घरों में कैद होने की जगह झुंड लगाकर चौक-चौराहों पर गप्पे लगाते नजर आते हैं। न ही मास्क पहनते हैं न शारीरिक दूरी का पालन करते हैं। खासकर युवाओं का बिना मास्क झुंड में घूमना और पान-मसाला व गुटखा खाकर यहां-वहां थूकना भी संक्रमण को और बढ़ा रहा है। यह हाल तब है जब कोरोना संक्रमण की तीसरे और घातक लहर आने की चेतावनी दी जा रही है, लेकिन हालात देखकर नहीं लगता कि लोग उसको लेकर कहीं से भी तैयार हैं।

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