सामूहिक विवाह समारोह में करा दी नाबालिगों की शादी

बीएसए की जांच में खुला माजरा जांच रिपोर्ट में लगाए शैक्षिक प्रमाण-पत्र निकले फर्जी राज्य महिला आयोग सदस्य ने डीएम को लिखा पत्र दो साल पहले हुए समारोह में आठ जोड़े मिले थे नाबालिग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:55 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:55 AM (IST)
सामूहिक विवाह समारोह में करा दी नाबालिगों की शादी
सामूहिक विवाह समारोह में करा दी नाबालिगों की शादी

आगरा, जागरण संवाददाता। दो साल पहले जीआइसी मैदान पर हुए विश्व सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट के सामूहिक विवाह समारोह में कुछ नाबालिगों की भी शादी करा दी गई। इसकी पुष्टि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव की जांच रिपोर्ट में भी हो गई है। उन्होंने मामले में दाखिल किए गए प्रपत्रों की जांच अपने खंड शिक्षाधिकारियों से कराई। जांच में तीन टीसी संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों से सत्यापित ही नहीं मिलीं।

महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने बताया कि शिकायत मिलने पर वह उस दौरान चाइल्ड लाइन टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शादी के बंधन में बंधने जा रहे जोड़ों के उम्र संबंधी दस्तावेज जुटाए, जिसके आधार पर कुछ जोड़े उन्हें नाबालिग लगे। उन्होंने इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग सदस्य निर्मला दीक्षित से की थी। उन्होंने मामले में डीएम को पत्र लिखकर जांच कराई, जो तत्कालीन डीपीओ लवकुश भार्गव को सौंपी गई। उन्होंने अपनी जांच में सभी जोड़ों को बालिग बताया। साक्ष्य के तौर पर उनके शैक्षिक प्रमाण-पत्र भी लगाए। नरेश पारस ने जब उक्त शैक्षिक प्रमाण-पत्रों का सत्यापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्तर से कराया, तो तीन टीसी संदिग्ध पाई गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि संबंधित टीसी उनके खंड शिक्षाधिकारी द्वारा सत्यापित (मोहर एवं हस्ताक्षर) नहीं हैं। प्रथम दृष्टया तीनों टीसी सही व सत्य प्रतीत होने में संदेह है, क्योंकि तीनों विद्यालय कई वर्ष पूर्व ही बंद हो चुके हैं। डीपीओ की जांच आख्या संदेह के घेरे में

मामले में टीसी ही फर्जी मिलने पर राज्य आयोग सदस्य निर्मला दीक्षित ने डीएम को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। उसकी प्रति निदेशक, महिला कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग को भेजी है। उनका कहना है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) आगरा द्वारा भेजी गई जांच आख्या संदेह के घेरे में है। बाल विवाह को लेकर सरकार गंभीर है। इसे रोकने के लिए सरकार लगातार अभियान भी चला रही है। इस तरह के समारोह में बाल विवाह कराकर बाल विवाह को बढ़ावा दिया है। उन्होंने मामले में 15 दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।

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