आगरा माडल और ट्रिपल-टी की जुगलबंदी ने कोरोना की दूसरी लहर पर लगाया अंकुश

कोविड मरीजों की संख्या में आ रही है कमी बेड आक्सीजन और दवाओं का नहीं है कोई संकट तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुटा प्रशासन 3500 के आसपास होगी बेड की संख्या

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:05 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:05 AM (IST)
आगरा माडल और ट्रिपल-टी की जुगलबंदी ने कोरोना की दूसरी लहर पर लगाया अंकुश
आगरा माडल और ट्रिपल-टी की जुगलबंदी ने कोरोना की दूसरी लहर पर लगाया अंकुश

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर अंकुश लगाने में अभी तक प्रशासन सफल रहा है। तीन दिनों के भीतर मरीजों की संख्या पूर्व के मुकाबले कम हुई है। इसकी मुख्य वजह आगरा माडल और ट्रिपल-टी की जुगलबंदी है। इससे बेड, आक्सीजन और दवाओं के संकट को फिलहाल दूर कर दिया गया है। जिला प्रशासन कोविड की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गया है। खासकर बेड की संख्या को 3500 किया गया जा रहा है। आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक जुटाया जा रहा है जिससे अगर दो से तीन दिन लिक्विड आक्सीजन नहीं मिलती है तो अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जिस तरीके से आक्सीजन का संकट छाया। ऐसा संकट दोबारा न आ सके। अलग-अलग होंगे अस्पताल : जिला प्रशासन पुरुष, महिला और बच्चों के अलग-अलग अस्पताल चिन्हित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है। यह पहला मौका होगा जब इस तरीके के अस्पताल होंगे। कोविड मरीज से तीमारदारों को मिलने की अनुमति होगी। ये है आगरा माडल : वर्ष 2020 में आगरा माडल की मदद से कोविड पर कंट्रोल किया गया था। प्रदेश सरकार ने इसकी सराहना की थी और प्रदेश और देश के कई जिलों में यह लागू किया गया था। इस साल कोविड की दूसरी लहर में आगरा माडल को और अधिक व्यवहारिक किया गया। इसी के तहत कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के साथ ही बेड की संख्या दोगुनी की गई। ये है ट्रिपल-टी : प्रशासन ने कोविड मरीजों के टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट करने पर विशेष ध्यान दिया। खासकर चार क्षेत्रों को चिन्हित किया गया। जहां पर सबसे अधिक मरीज मिले। इसमें दयालबाग, जयपुर हाउस, कमलानगर और शाहगंज क्षेत्र शामिल हैं। मरीज कोविड पाजिटिव कैसे हुए, इसकी अधिक से अधिक जानकारी जुटाई गई। बेड : वर्तमान में बेड की संख्या 2300 है जिसे बढ़ाकर 3500 किया जाएगा। आगरा ट्रेड सेंटर की तर्ज पर कई और अस्पताल बनेंगे जिससे एक ही छत के नीचे मरीजों को हर सुविधाएं मिल सकें। शहरी क्षेत्र की तरह ही देहात में भी बेड सुरक्षित किए जाएंगे। खासकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसी तरह से बीपेप, वेंटीलेटर सहित अन्य बेड को बढ़ाया जाएगा। आक्सीजन की उपलब्धता : शहर में हवा से आक्सीजन बनाने के दो प्लांट हैं। इनकी क्षमता 2200 सिलेंडर प्रतिदिन की है। पांच दिनों से आगरा को हर दिन 20 से 30 टन लिक्विड आक्सीजन मिल रही है। इससे छह प्लांट आसानी से संचालित हो रहे हैं। 14 अस्पतालों में एक-एक टन के लिक्विड आक्सीजन के टैंक हैं। कोविड कंट्रोल सेंटर : नगर निगम में कोविड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। तीन सप्ताह पूर्व बने सेंटर में हर दिन 500 से 700 शिकायतें पहुंचती थीं। प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा था। सेंटर को और भी बेहतर करने पर ध्यान दिया जा रहा है। कई नई सुविधाएं भी मिलेंगी। रेमडेसिविर इंजेक्शन : अफवाहों के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई। कोविड कंट्रोल सेंटर से लेकर प्रशासनिक अफसरों के पास एक दिन में तीन सौ से अधिक फोन पहुंचने लगे। बेहतर तालमेल : जिला प्रशासन और सेना के बीच बेहतर तालमेल रहा। इसी का नतीजा रहा कि एडवांस गैस प्लांट हो या फिर अग्रवाल आक्सीजन प्लांट। इन प्लांट में कोई भी दिक्कत आई तो सेना के इंजीनियरों ने मदद की। इसी तरह से नगर निगम, डीवीवीएनएल, एडीए सहित अन्य विभाग के अफसरों ने बेहतर तालमेल के साथ काम किया। गरीबों को बांटी जा रही किट : प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को मेडिकल किट का वितरण किया जा रहा है। शहर में ग्रीन कारिडोर बनाकर आक्सीजन टैंकरों का आवागमन

क्रासर : डीएम ने की बैठक, जामनगर, रांची और जमशेदपुर के लिए हर दिन भेजे जा रहे हैं विमानों से टैंकर

- आक्सीजन एक्सप्रेस से आगरा पहुंचते हैं टैंकर

जासं, आगरा : आक्सीजन की भविष्य में कमी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर में ग्रीन कारिडोर बनाकर रोड से आक्सीजन के टैंकरों का आवागमन हो रहा है। एस्कार्ट अलग से चलती है जिससे टैंकर जल्द अस्पतालों तक पहुंच सकेंगे। वहीं टैंकरों की मरम्मत पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

डीएम प्रभु एन सिंह ने मंगलवार दोपहर कैंप कार्यालय में अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने अफसरों को दो ग्रुप में बांटा। ग्रुप ए में छह और ग्रुप बी में चार अफसर हैं। एडीएम सिटी डा. प्रभाकांत अवस्थी को ओवर आल व्यवस्थाओं का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव को हवा से आक्सीजन बनाने के प्लांट की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। - आगरा माडल से काफी कुछ सीख मिली है। ट्रिपल-टी की मदद से कोरोना की दूसरी लहर पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया। तीसरी लहर की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

प्रभु एन सिंह, डीएम एक मिनट में मिल जाती है अनुमति

मंडलायुक्त अमित गुप्ता द्वारा मंडल में आक्सीजन की कमी न हो, इस पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मंडलायुक्त के प्रयास के चलते एक मिनट में विशेष विमान से टैंकरों को भेजने की अनुमति मिल जाती है।

chat bot
आपका साथी