नया सीखने की कवायद में भूल रहे पिछले सबक
आनलाइन कक्षाओं के सामने आने लगे हैं साइड इफेक्ट अभिभावक शिक्षकों से कर रहे शिकायत
आगरा, जागरण संवाददाता। आनलाइन शिक्षण की हाईटेक पढ़ाई विद्यार्थियों के पारंपरिक तरीके से पढ़ने और सीखने पर भारी पड़ रही है। विद्यार्थी नया सीखने के चक्कर में पुराना सबक भी भूल रहे हैं। इसकी शिकायत तमाम अभिभावकों ने शिक्षकों से की है।
एमडी जैन इंटर कालेज के शिक्षक प्रशांत पाठक ने बताया कि आनलाइन शिक्षण के कारण विद्यार्थियों ने किताब से पढ़ने और कापी में लिखने की आदत छोड़ दी है। आनलाइन पढ़ने के समय डिजिटल किताब और नोट्स से देखकर आनलाइन ही टाइप कर वह लिख लेते हैं। इससे लिखते समय याद रखने की आदत छूट रही है।
विज्ञान के शिक्षक अमित सिंह ने बताया सबसे ज्यादा दिक्कत गणित, विज्ञान और भाषा वाले विषय में आ रही है। गणित और भाषा का बुनियादी कौशल ही दूसरे विषयों को पढ़ने का आधार तैयार करता है। लेकिन बच्चों ने पहले जितना पढ़ा, आनलाइन शिक्षण के कारण उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बिना नियमित रिविजन आगे बढ़ गए। इससे वह पुराने सबक भूलते जा रहे हैं। कांसेप्ट नहीं हो रहे क्लीयर
अभिभावक रोहिताश श्रीवास्तव का कहना है कि आनलाइन कक्षाओं में बच्चे पढ़ तो रहे हैं लेकिन, उनका कांसेप्ट क्लीयर नहीं हो पाता। बच्चे एक एक टापिक को समझने में ज्यादा समय ले रहे हैं, जबकि कक्षाओं में उन्हें इतनी परेशानी नहीं होती थी। यह हैं सुझाव
- सिर्फ आनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई पर ही न रहे निर्भर। पढ़ाए गए विषय का घर पर भी कापी पर लिखकर रिविजन करें।
- डिजिटल किताबों व नोट्स की जगह किताब या नोट्स की हार्डकापी लेकर पढ़ने से ज्यादा बेहतर समझ आएगा।
- लिखने का कोई विकल्प नहीं, जितना पढ़ेंगे और फिर लिखेंगे, उतना ही अच्छी तरह समझ में आएगा।
- हफ्ते की जगह नियमित रूप से रिविजन की आदत डाले, हफ्तेभर बाद करने से कई टापिक स्पष्ट नहीं हो पाते।
- समस्या होते ही शिक्षकों से तुरंत समाधान मांगे, संशय होने पर दोबारा पूछने में न हिचकें।