गरीबों के आवास में भ्रष्टाचार, एडीए ने ठेकेदार से मांगा 67 करोड़ का हर्जाना

इलाहाबाद हाईकोर्ट के ट्रिब्यूनल में दायर की याचिका गणपति बिल्डर ने आर्बिटेशन में एडीए से मांगे थे 35 करोड़ रुपये नरायच में 127 करोड़ से बनाए गए 3614 आवास 3264 आवास घोषित हो चुके हैं कंडम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:44 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:44 PM (IST)
गरीबों के आवास में भ्रष्टाचार, एडीए ने ठेकेदार से मांगा 67 करोड़ का हर्जाना
गरीबों के आवास में भ्रष्टाचार, एडीए ने ठेकेदार से मांगा 67 करोड़ का हर्जाना

आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक फार अरबन पुअर (बीएसयूपी) योजना में 127 करोड़ से बने 3614 आवासों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। भुगतान को लेकर आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) और गणपति बिल्डर में रार मच गई है। गणपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया है। आर्बिटेशन में बिल्डर ने एडीए से 35 करोड़ रुपये मांगे है, जबकि एडीए ने 67 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। इसके लिए याचिका दायर की गई है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी) रुड़की ने 3264 आवासों को कंडम घोषित किया है।

बसपा शासनकाल में बीएसयूपी योजना में नारायच में 3614 आवासों का निर्माण वर्ष 2009 से शुरू हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने योजना का शिलान्यास किया था। आवासों का निर्माण वर्ष 2015 तक होना था, लेकिन निर्माण गति धीमी होने के कारण वर्ष 2019 तक 90 फीसद आवास बनकर तैयार हो पाये। हाल ही में कई आवासों की बीम और कालम में क्रैक आ गया। तत्कालीन एडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर आइआइटी रुड़की ने तीन बार आवासों का सत्यापन किया। जांच में पाया गया कि 3214 आवास कंडम हैं, जबकि 350 आवासों को मरम्मत कर रहने योग्य बनाया जा सकता है। अधिकांश आवास दूसरे खंड में हैं। पहले खंड के आवास जर्जर हो चुके हैं। एडीए ने 127 करोड़ में 67 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है, जबकि 35 करोड़ रुपये का कार्य पूरा कर लिया है। जिसके भुगतान की मांग की गई। एडीए उपाध्यक्ष ने भुगतान से इन्कार कर दिया। गणपति बिल्डर ने हाईकोर्ट के ट्रिब्यूनल में आर्बिटेशन किया। उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि गणपति बिल्डर ने 35 करोड़ मांगे हैं,जबकि एडीए ने 67 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। आवासों के कंडम घोषित किया जा चुका है। ठेकेदार से वसूले 15 करोड़ रुपये : एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि एडीए हाइट्स में काम पूरा न करने पर एक ठेकेदार ने हाईकोर्ट के ट्रिब्यूनल में आर्बिटेशन किया था। ठेकेदार ने 11 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था जबकि एडीए ने 15 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और एडीए के पक्ष में फैसला आया। ठेकेदार से 15 करोड़ रुपये की वसूली की गई। दोषी अफसरों और इंजीनियरों पर होगी कार्रवाई : एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि बीएसयूपी योजना में बने आवासों की मानीटरिग में लापरवाही बरती है। इसमें अफसर और इंजीनियर दोषी हैं। दोषियों को चिन्हित किया जा रहा है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।

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