एसपी सिटी समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अदालत में मुकदमा प्रस्तुत

एत्माद्दौला के आरबी पुरम में कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान दुकान बंद कराने को हुआ था विवाद पुलिस ने दुकानदार को पत्नी-पुत्रों व बहुओं पर मुकदमा दर्ज करके भेजा था जेल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 05:15 AM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 05:15 AM (IST)
एसपी सिटी समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अदालत में मुकदमा प्रस्तुत
एसपी सिटी समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अदालत में मुकदमा प्रस्तुत

आगरा, जागरण संवाददाता। चर्चित आरबी पुरम प्रकरण में एसपी सिटी समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ अदालत में मुकदमा प्रस्तुत किया गया है। इसमें एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के अलावा एसआइ विनीत राणा, एसआइ योगेश कुमार, एसआइ नीतू शर्मा, एसआइ रोहित आर्य, महिला पुलिसकर्मी प्रियंका यादव एवं 15-20 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं में परिवाद पत्र विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रस्तुत किया गया है। अदालत ने वादी मुकदमा के बयान दर्ज करने को नौ जून की तारीख नियत की है।

अदालत में मुकदमा पंकज उपाध्याय पुत्र प्रमोद उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किया गया है। पंकज उपाध्याय के अनुसार 18 अप्रैल 2021 को वह अपने मकान में बनी दुकान से घर के लिए जरूरी सामान निकाल रहे थे। इसी दौरान वहां पर फाउंड्री नगर चौकी प्रभारी विनीत राणा चार-पांच पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे। पंकज उपाध्याय का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने उन्हें पकड़ लिया। जान से मारने की नीयत से गाली-गलौज करते हुए डंडों से पीटा। पुलिस ने उसका पक्ष जाने बिना लाकडाउन में दुकान खोलने का आरोप लगाया।

इस दौरान उसकी मूक-बधिर मां किरन देवी ने बचाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने उन्हें भी जमीन पर गिराकर लात घूंसों से बुरी तरह पीटा। इस पर पत्नी ज्योति, पिता प्रमोद उपाध्याय, भाई हरि गोपाल एवं भाभी वर्षा ने भी बचाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने उनसे भी बुरी तरह से मारपीट की। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे और परिवार के लोगों को धमकी देकर चले गए।कुछ देर बाद बड़ी संख्या में फोर्स के साथ पुलिसकर्मी पहुंचे। पंकज का आरोप है कि पुलिसकर्मी जबरन उनके घर में घुस गया। वहां परिवार की महिलाओं और मासूम बच्चों के साथ भी मारपीट की।

इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके माता-पिता, पत्नी, भाई व भाभी समेत उसे गिरफ्तार कर लिया। जिला अस्पताल में उनका मेडिकल कराने के बाद थाने लाकर सबको बुरी तरह से पीटा गया। इसके बाद सभी छह लोगों को जेल भेज दिया।पंकज के अनुसार क्षेत्रीय लोगों, विधायकों एवं सांसद द्वारा उनके हक में आवाज उठाने पर पुलिस अधिकारियों ने जानलेवा हमले और सात क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट की धारा को विवेचना में हटाया गया। इसके बाद उन्हें जमानत मिल सकी। पंकज का आरोप है कि दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए सात मई को अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया।मगर, अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर पंकज उपाध्याय ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में एसपी सिटी समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलवा, गाली-गलौज, धमकी, बलवा, घर में घुसकर मारपीट व जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए वाद प्रस्तुत किया है।

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