भ्रष्टाचार का बोलबाला, सुविधा शुल्क दो वाहन का फिटनेस सार्टिफिकेट लो

-आरटीओ दफ्तर में फिटनेस के नाम पर खुला खेल -फीस के अलावा 550 रुपये सुविधा शुल्क, वसूली का वीडियो वायरल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 07:30 AM (IST)
भ्रष्टाचार का बोलबाला, सुविधा शुल्क दो वाहन का फिटनेस सार्टिफिकेट लो
भ्रष्टाचार का बोलबाला, सुविधा शुल्क दो वाहन का फिटनेस सार्टिफिकेट लो

आगरा: आपको अपने वाहन की फिटनेस जांच करानी है तो आरटीओ दफ्तर को भी 'फिट' कराना होगा। यहां वाहन फिटनेस कराने पर निर्धारित फीस के अलावा 550 रुपये का सुविधा शुल्क भी देना होता है। वसूली का पूरा खेल उजागर करने वाले एक वीडियो के वायरल होने से विभाग में खलबली मच गई है।

वाहनों की फिटनेस नियमित रूप से करानी होती है। किसी भी व्यावसायिक वाहन और सात सीट से ऊपर क्षमता के निजी वाहनों की फिटनेस हर साल करानी होती है। इसके लिए विभाग में अलग से काउंटर पर फिटनेस शुल्क जमा करना होता है। ये शुल्क वाहन के हिसाब से अलग-अलग होता है। विभाग के अनुसार तीन पहिया और चार पहिया वाहन का अधिकारिक शुल्क छह सौ रुपये है। विभाग में हर वाहन की फिटनेस कराने का 550 रुपये अलग से सुविधा शुल्क लिया जाता है। ये वायरल हुए एक वीडियो से स्पष्ट हो रहा है। आरटीओ दफ्तर परिसर में ही बने एक कक्ष में वाहन फिटनेस को कागज जमा होते हैं। यहां एक कर्मचारी के पास ही फिटनेस को फाइल जमा होने के साथ ही यहां सुविधा शुल्क के 550 रुपये जमा करने होते हैं। कर्मचारी से हरी झंडी मिलने के बाद ही वाहनों की फिटनेस जांच होती है। 5 मिनट 24 सेकंड के इस वीडियो में कर्मचारी (बताया जाता है कि ये प्राइवेट कर्मचारी है) फाइलों के साथ ही वाहन स्वामियों से धनराशि वसूल रहा है। एक क्रेन स्वामी फिटनेस कराने पहुंचा तो उसे 42 सौ रुपये सुविधा शुल्क बताया गया। ये सुन उसके होश उड़ गए। इस वीडियो में पांच मिनट में ही पांच से छह वाहन स्वामी पहुंचे, तो उनसे भी खुलेआम सुविधा शुल्क लिया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में भी खलबली मच गई है। बढ़ गया सुविधा शुल्क

विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दो साल पहले फिटनेस कराने को सुविधा शुल्क 300 रुपये प्रत्येक वाहन था, जो अब बढ़ाकर 550 रुपये कर दिया गया है। आरआइ हैं फिटनेस के प्रभारी

आरआइ सुधीर कुमार को फिटनेस का प्रभारी बनाया है। वाहनों की फिटनेस कराने की जिम्मेदारी आरआइ की है। क्या कहते हैं अधिकारी

मैं सरकारी कार्य से बाहर हूं। ये काम आरआइ सुधीर कुमार देखते हैं। आप इस संबंध में आरटीओ प्रवर्तन से बात कर सकते हैं।

डीके सिंह, आरटीओ प्रशासन। ये मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं है। इसके लिए जो जिम्मेदार हैं, उन्हीं से बात की जानी चाहिए।

अनिल कुमार, आरटीओ प्रवर्तन।

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