मिनी मेडिसिटी में होंगे 43 ब्लाक, नहीं जाना पड़ेगा दिल्ली-जयपुर
एसएन मेडिकल कालेज और लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय की 44 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड कैंपस के लिए तैयार हुआ ले आउटएकेडमिक और हास्पिटल ब्लाक होंगे अलग-अलग कार्यदायी संस्था से तैयार कराई जाएगी डीपीआर
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कालेज के मिनी मेडिसिटी (इंटीग्रेटेड कैंपस) बनने पर इलाज के लिए दिल्ली और जयपुर नहीं जाना पड़ेगा। यहां 43 ब्लाक बनेंगे, एकेडमिक और हास्पिटल ब्लाक अलग-अलग होंगे। कार्यदायी संस्था स्काई लाइन ने ले आउट तैयार कर लिया है। अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। इसके बाद मिनी मेडिसिटी का काम शुरू हो जाएगा।
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मिनी मेडिसिटी में वर्तमान में प्राचार्य कार्यालय वाले विग को एकेडमिक विग बनाया जाएगा। वहीं, कोविड हास्पिटल वाले विग को हास्पिटल ब्लाक बनाया जाएगा। कार्डियोथोरेसिक सर्जरी से लेकर प्लास्टिक सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी सहित मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी। अभी आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, कासगंज, एटा, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, भरतपुर जिले के मरीज इलाज के लिए दिल्ली और जयपुर जाते हैं। मिनी मेडिसिटी में मरीजों को अत्याधुनिक इलाज मिल सकेगा। मरीजों को दिल्ली और जयपुर नहीं जाना पड़ेगा। डीपीआर तैयार होने के बाद शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद काम शुरू होगा। एयर कारिडोर से जुड़ेंगे विभाग, नौ द्वार
हास्पिटल ब्लाक के सभी विभागों को एयर कारिडोर से जोड़ा जाएगा। एमजी रोड से एसएन में प्रवेश लेने के बाद एयर कारीडोर से सुपर स्पेशलिटी विग तक जा सकेंगे। एयर कारिडोर के नीचे सड़क होगी। वहीं, दोनों ब्लाक में नौ द्वार होंगे। ये बिल्डिग होंगी ध्वस्त
टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट, पुराना स्त्री रोग विभाग, प्राइवेट वार्ड, नर्सिंग हास्टल, बाल रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, मेडिसिन विभाग, कैंसर रोग विभाग। मिनी मेडिसिटी में यह होगा
सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिग, इमरजेंसी एंड ट्रामा सेंटर, ओपीडी ब्लाक, टीबी हास्पिटल, आइ हास्पिटल, हास्टल, चिकित्सा शिक्षकों के आवास। लेडी लायल के लिए संकट, मरीजों को होगी परेशानी
लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय को मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय, हलवाई की बगीची के पास एसएन की जमीन पर शिफ्ट किया जाएगा। यहां पांच एकड़ जमीन पर लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय की नई बिल्डिग बनेगी। यहां शहर और देहात से मरीज आते हैं, अभी लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय शहर के बीचों बीच में है। इसके शिफ्ट होने से मरीजों को परेशानी होगी। वहीं, नई बिल्डिग बनने में समय भी लगेगा। लेडी लायल जिला अस्पताल
ओपीडी में हर रोज मरीज - 450 से 500
प्रसव - 40 से 50
बेड की संख्या -145
साल में भर्ती होने वाले मरीज -36000 से अधिक ये आठ सुपर स्पेशियलिटी विग बनेंगी
कोर्डियोलाजी, न्यूरोलाजी, इंडोक्राइनोलाजी, गेस्ट्रोएंट्रोलाजी, मेडिकल आनकोलाजी, पल्मनरी मेडिसिन, रूमेटोलाजी व नेफ्रोलाजी। बढ़ेंगी सीट और बेड
डीएम, एमसीएच -45
एसएन में बेड -950 हो जाएंगे 1500 एसएन के इंटीग्रेटेड कैंपस बनने से मरीजों को इलाज और जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। एकेडमिक और हास्पिटल ब्लाक अलग-अलग हो जाएंगे।
डा. प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य एसएन मेडिकल कालेज एसएन पुराने मेडिकल कालेज में से एक है। यहां की सर्जरी और कार्डियोलाजी यूनिट का नाम था। दोबारा से एसएन का नाम देश के अच्छे मेडिकल कालेज में शामिल होगा।
डा. अजय अग्रवाल, पूर्व प्राचार्य एसएन मेडिकल कालेज एसएन कई हिस्सों में बंटा हुआ है, इंटीग्रेटेड कैंपस बनाने की जरूरत थी। इससे इलाज की सुविधा बेहतर होगी, साथ ही शैक्षणिक कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
डा. सरोज सिंह, पूर्व प्राचार्य एसएन मेडिकल कालेज लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय शहर के बीचों बीच स्थित है, यहां से शिफ्ट होने से मरीजों को परेशानी होगी। अभी नई बिल्डिग के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मांगा गया है।
डा. रेखा गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक, लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय