Agriculture Drone: आगरा के छात्रों ने बनाया कृषि ड्रोन, फसलों में कीड़ों की करेगा खोज और कीटनाशक का छिड़काव

आंबेडकर विवि के तकनीकी संस्‍थान आइइटी के छात्रों का है ये अविष्‍कार। आइआइएम बंगलुरू में छात्रों को मिली ट्रेनिंग आइआइसीडीसी में बने विजेता। यह ड्रोन खेत में उन हिस्सों को ढूंढ निकालेगा जहां कीड़े फसल को खराब कर रहे हैं। यही नहीं वहां रसायन का छिड़काव भी करेगा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 09:49 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 09:49 AM (IST)
Agriculture Drone: आगरा के छात्रों ने बनाया कृषि ड्रोन, फसलों में कीड़ों की करेगा खोज और कीटनाशक का छिड़काव
आगरा के आइइटी के छात्रों द्वारा बनाया गया कृषि ड्रोन।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के छात्रों ने किसानों के लिए कृषि ड्रोन बनाया है। यह ड्रोन खेत में उन हिस्सों को ढूंढ निकालेगा, जहां कीड़े फसल को खराब कर रहे हैं। यही नहीं, वहां रसायन का छिड़काव भी करेगा। इंस्टीट्यूट के छह छात्रों का चयन आइआइएम बंगलुरू में ट्रेनिंग के लिए हुआ है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स इंडिया (टीआइ इंडिया) और भारतीय संस्थान द्वारा आयोजित इंडिया इनोवेशन चैलेंज डिजाइन प्रतियोगिता (आइआइसीडीसी) 2019 में संस्थान केे छह छात्रों की टीम विजेता बनी है। टीम में कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रोनिक्स के प्रदीप कुमार, आदर्श सिंह, आकांक्षा श्रीवास्तव, शालिनी सिंह, मोहम्मद आदिल व अचिंत कुमार शामिल हैं। छात्रों को डा. सकीना देव ने निर्देशन दिया। निदेशक प्रो. वीके सारस्वत ने छात्रों को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।

क्या है यह ड्रोन

छात्रों ने ऐसा कृषि ड्रोन बनाया है जो मूल रूप से एक क्वाडकाप्टर है। यह एक उड़ान नियंत्रक और किसी भी प्रकार की बाधा से बचाव के लिए सुसज्जित है। इसका उपयोग फसल में रोग का शीघ्र पता लगाने, कीटनाशक के छिड़काव और फसल को आकस्मिक आग से बचाने के लिए अलार्म बजाकर और तत्काल संदेश भेजकर किसान को सचेत करने के लिए किया जा सकता है।

कैसे काम करता है यह ड्रोन

ड्रोन कैमरे से क्षेत्र की पहली मैपिंग की जाती है। फिर इस मैप किए गए डाटा को बीमारी का पता लगाने के लिए सीएनएन माडल को भेजा जाता है। माडल रोग की भविष्यवाणी करता है तो किसान को मेल भेजा जाता है। इस मेल में अनुशंसित इलाज भी होता है।यही ड्रोन रसायन का छिड़काव भी करता है। इसमें कीटनाशक के वास्तविक समय के छिड़काव के लिए रंग और बनावट का पता लगाने का सेंसर भी लगा है। इस ड्रोन की मदद से 75 फीसद तक सही रोग का पता लगाया जा सकता है।

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