आगरा चाहे, बजट में मिले कुछ खास.
जिले के उद्योग और रोजगार बढ़ाने के लिए बने ठोस योजना कोरोना काल की दुश्वारियों से राहत मिलने की उम्मीद
आगरा, जागरण संवाददाता। आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट को पेश करेंगीं। कोविड-19 महामारी के बाद जारी हो रहे इस बजट से व्यापारी, कारोबारी से लेकर आमजन और महिलाओं तक को तमाम उम्मीद हैं। लोगों को लगता है कि यह बजट सौ मर्ज की दवा का काम करेगा और आर्थिक सुस्ती और संकट के दौर में देश के साथ लोगों को भी संभालने का काम करेगा।
समाज के विभिन्न वर्गों की उम्मीदें: निर्यातक
आगरा से लेदर का जूता, हैंडीक्राफ्ट, कारपेट आदि का निर्यात होता है। करीब 18 करोड़ से ज्यादा का वार्षिक टर्नओवर है। करीब 400 छोटी-बड़ी यूनिट संचालित हैं।
- नियम आसान बनाएं, काम करने की आजादी मिले।
- एनजीटी और पर्यावरण के नियमों की सख्ती से उद्योग भी प्रभावित, स्थापना-विस्तार को मंजूरी मिले।
- आइटीसी के नाम पर पूंजी अटकी, फंड की कमी का निस्तारण प्राथमिकता से हो।
- ताइवान, बांग्लादेश जैसे देशों की तुलना में टैक्स दर ज्यादा, निवेशक आकर्षित करने को दर कम करें।
- नए उद्योगों की स्थापना नियमों का आसान बनाया जाए।
- उद्यमियों को सामाजिक सुरक्षा के लिए स्तरीय पेंशन व चिकित्सा सुविधा मिले।
- जूता सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करने वाला कारोबार, इसकी जरूरत समझकर मदद करें।
- हैंडीक्राफ्ट पर 12 फीसद टैक्स, जबकि हस्तशिल्प में शामिल है, कर मुक्त किया जाए। कपड़ा
आगरा कपड़ा ट्रेडिग का बड़ा केंद्र हैं। कारोबारी आसपास के इलाके को माल उपलब्ध कराते हैं।
- कपड़े पर पांच फीसद टैक्स हटाया जाए।
- जीएसटी रिटर्न प्रक्रिया जटिल, सरल बनाकर पोर्टल की परेशानी दूर करें।
- कपड़ा कारोबार 15 से 20 फीसद महंगाई से प्रभावित है, राहत दिलाएं।
- एक हजार से ऊपर के कपड़े पर 12 फीसद टैक्स, कम किया जाए।
- छोटे व्यापारियों के लिए मासिक की जगह वार्षिक रिटर्न व्यवस्था लागू हो।
- 100 किमी दूरी के ई-वे बिल के लिए दो दिन का समय मिले। डीजल इंजन, पंपसेंट
आगरा डीजल इंजन, पंपसेट और जेनरेटर उद्योग की मंडी था। करीब 1200 से ज्यादा सक्रिय इकाइयां थीं। लेकिन वक्त और टीटीजेड नियमों की मार से सैकड़ों इकाइयां धीरे-धीरे बंद हो गईं। अब महज 250 इकाई सक्रिय।
- निर्यातक महंगे रा मटीरियल से परेशान, टैक्स दर कम की जाए।
- ड्यूटी ड्रा बैक बढ़ाया जाए।
- इकाइयों के विस्तार व नई इकाइयां खुलने पर लगी रोक हटाई जाए।
- महंगे होते सामान पर लगाम लगाने को योजना लाकर किसानों तक पहुंच आसान बनाई जाए। जूता
आगरा का स्थानीय जूता कारोबार करीब 15 हजार करोड़ रुपये का है। आठ हजार छोटी-बड़ी इकाइयां, करीब पांच हजार घरेलू या असंगठित श्रेणी की। करीब पांच लाख लोगों को सीधे रोजगार प्रदान करता है उद्योग।
- व्यापारियों-कारोबारियों के लिए सरकार पेंशन योजना को बढ़ावा दे।
- बैंक में जमा धन पर ज्यादा ब्याज मिले।
- सस्ती ब्याज दरों पर ऋण दिलाया जाए।
- ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी पूरी तरह बहाल हो।
- जूता उद्योग के लिए कोई आर्थिक पैकेज घोषित कर पूंजी जुटाई जाए। वरिष्ठ नागरिक
- आयकर सीमा पांच से बढ़ाकर सात लाख हो। आयकर सीमा महंगाई से जोड़ी जाए।
- ब्याज से होने वाली आय में छूट की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख हो।
- रेलवे में हटाई गई देय छूट बहाल हो।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी संस्थाओं में अलग पटल की व्यवस्था हो।
- सामाजिक व्यवस्था बहाली में बुजुर्गों का अनुभव साझा किया जाए।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक ब्याज दरों में इजाफा किया जाए।
- पेंशन कर मुक्त की जाए।
- पोस्ट आफिस में वरिष्ठ नागरिक योजना व लघु बचत खातों में वार्षिक दरों में वृद्धि हो।
- हवाई, रेल व एसी बसों में यात्रा के लिए किराए में छूट दी जाए।
- भूमि एवं मकान खरीदने पर स्टांप ड्यूटी पर भी छूट दी जाए। युवा
- हेल्थ बीमा में कटौती सामान्य नागरिकों के लिए 25 से बढ़ाकर 50 हजार रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 से 75 हजार रुपये की जाए।
- सकल आय पर 50 हजार रुपये की मानक कटौती प्रदान की जाए।
- कर्मचारियों को घर पर फर्नीचर, कंप्यूटर, इंटरनेट डाटा आदि अतिरिक्त खर्च पर लाभ मिले।
- पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद जैसे सौर हीटर, सौर लैंप, पवन ऊर्जा, शौचालय, सौर चार्जर आदि को प्रोत्साहन देने के लिए योजना लाई जाए।
- एक लाख रुपये तक के ऋण के ब्याज में कटौती हो।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहन दिया जाए।
- सूचीबद्ध इक्विटी शेयर पर दो साल से अधिक के निवेश पर छूट मिले।
- आयकर की सीमा ढ़ाई से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जाए। धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा डेढ़ से ढ़ाई लाख रुपये हो। स्वास्थ्य सेवाएं
- हास्पिटल आदि को व्हाइट केटेगरी में लाकर उनकी स्थापना को मंजूरी मिले।
- मेडिकल टूरिज्म के लिए आने वाले विदेशियों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं।
- मध्यम वर्ग को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाए।
- सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए विशेष योजना लाई जाए। कृषि
जिला कृषि के लिहाज से महत्वपूर्ण। करीब 2.59 लाख किसान 72 हजार हैक्टेयर में आलू, 1.32 लाक हेक्टेयर में गेहूं और करीब 60 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती होती है।
- आलू का बड़ा उत्पादक, प्रोसेसिग प्लांट की स्थापना की जाए।
- खेती को बढ़ावा देने के लिए अलग योजना लाई जाए।
- सस्ती दरों पर बीज, खाद व उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
- किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाए।