दवा व्यापारी की खुदकुशी के मामले में आरोपित बबलू को आज कोर्ट में प्रस्तुत करेगी आगरा पुलिस
मामले में नामजद योगेश और दीपक की है पुलिस को तलाश। आरोपित बबलू दवाई वाले को पूछताछ के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार। रविकांत को कैंसर से पीड़ित पत्नी चंचल गुप्ता के इलाज के लिए रकम की जरूरत थी। जिससे तनाव में आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली थी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कमला नगर में दवा व्यापाारी रविकांत गुप्ता की खुदकुशी के मामले में पुलिस ने एक आरोपित को बबलू दवाई वाले को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को उससे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली हैं। आरोपित को पुलिस शनिवार को कोर्ट में प्रस्तुत करेगी। वहीं, वांछित दो अन्य आरोपितों योगेश और दीपक भर्रा की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
कमला नगर के ए-ब्लाक में फूल वाटिका निवासी रविकांत गुप्ता ने 26 जुलाई को खुदकुशी कर ली थी। वह कोरोना की पहली लहर में राजकोट, गुजरात से अपना मकान व दुकान बेचकर यहां आए थे। आगरा में दवा का व्यापार शुरू किया था। यहां बाजार में व्यापारी के करीब एक करोड़ रुपये डूब गए थे। व्यापारी के बबलू दवाई वाले पर 39.78 लाख रुपये, योगेश पर 48.48 लाख और दीपक भर्रा पर 10.36 लाख रुपये बकाया थे। तीनों आगरा के रहने वाले हैं।वह रकम लौटाने की जगह रविकांत को धमकी दे रहे थे।
रविकांत को कैंसर से पीड़ित पत्नी चंचल गुप्ता के इलाज के लिए रकम की जरूरत थी। जिससे तनाव में आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। पत्नी की तहरीर पर बबलू, योगेश और दीपक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने एक आरोपित बबलू दवाई वाले को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में बबलू दवाई ने रविकांत को किस तरह अपने जाल में फंसाया, इसकी जानकारी दी। इंस्पेक्टर कमला नगर नरेंद्र शर्मा ने बताया कि आरोपित को शनिवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
स्वजन ने तहरीर पर उठाए सवाल
रविकांत गुप्ता के स्वजन ने जिस तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, उस पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने असली तहरीर पहुंचने से पहले ही चंचल की कथित तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। रविकांत के मामा संतोष गुप्ता का कहना है कि चंचल के भाई विवेक ने एक परिचित से तहरीर लिखवाई थी। जिसे पुलिस को देने से पहले चंचल को दिखाया जाना था। तहरीर लिखने वाला पुलिस के संपर्क में था। वह चंचल को बिना दिखाए व हस्ताक्षर कराए तहरीर थाने पर दे आया। उठावनी के बाद रविकांत के बड़े भाई लक्ष्मीकांत और विष्णुकांत 28 जुलाई की रात को तहरीर लेकर थाने पहुंचे तो पता चला कि मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।