Surrogacy Gang: कोख के सौदागर गैंग की सरगना का पति है नोएडा का डॉक्टर, नेपाल में है क्लीनिक
Surrogacy Gang पुलिस के पहुंचने से पहले ही नोएडा से मकान बेचकर हुआ गायब। मोबाइल नंबर स्विच ऑफ फेसबुक से आइडी भी की डिलीट।
आगरा, यशपाल चौहान। कोख के सौदागरों का गैंग की जांच में राहुल के रिमांड पर आने पर नया पर्दाफाश हुआ। पुलिस नोएडा के सेक्टर 39 के जिस डॉक्टर को रडार पर लिए थी। वह अस्मिता का पति निकला।अस्मिता और वह मिलकर 12 वर्ष से सरोगेसी का काम कर रहे हैं। मंगलवार रात को टीम राहुल को उसके घर लेकर पहुंची तब तक वह वहां से मकान बेचकर फरार हो चुका था। उसने अपने मोबाइल नंबर बंद कर रखे हैं और फेसबुक से आइडी डिलीट कर दी है।
आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र से 19 जून को गैंग से जुड़ी फरीदाबाद की नीलम और रूबी समेत पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद आठ जुलाई काे एजेंट नीलम और गैंग की सरगना अस्मिता के बीच की कड़ी बदरपुर निवासी राहुल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को पुलिस ने उसे कोर्ट के आदेश पर छह दिन की पीसीआर पर लेकर पूछताछ की। इसमें यह नया पर्दाफाश हुआ। राहुल ने पहले भी डॉ. विष्णुकांत के बारे में जानकारी दी थी। मगर, तब यह नहीं बताया था कि वह सरगना अस्मिता का पति है। अब उसने बताया कि नोएडा के सेक्टर 39 में रहने वाला डॉक्टर विष्णुकांत मूलरूप से कर्नाटक का रहने वाला है। दक्षिण से ही उसने एमबीबीएस की पढ़ाई की। इसके बाद वह नोएडा में रहने लगा। नेपाल में रहने वाली अस्मिता विदेशी जोड़ों की सरोगेसी कराती थी। वह 12 वर्ष पूर्व उसके संपर्क में आ गया था। दिल्ली, फरीदाबाद और नोएडा के आइवीएफ सेंटरों पर विदेशी दंपतियों को बुलाकर सरोगेसी कराते थे। भारत में विदेशियों की सरोगेसी प्रतिबंधित होने के बाद भी इन्होंने यह काम नहीं बंद किया। अवैध तरीके से पेपर तैयार करके ये सरोगेसी कराते थे। डॉ. विष्णुकांत ने नेपाल में भी अपना क्लीनिक और मेडिकल सेटअप बना रखा है। वहां भी जाता रहता है। पुलिस राहुल को लेकर मंगलवार को नोएडा के सेक्टर 39 स्थित उसके घर पहुंची तो वहां कोई और मिला। वहां से जानकारी हुई कि विष्णुकांत अपना घर बेच गया है। पुलिस ने उसकी कई स्थानों पर तलाश की, लेकिन अभी तक उसके बारे में जानकारी नहीं मिली है। टीम वहां से निकलकर टीम ने एजेंट मीना और राहुल के साथ सिलीगुड़ी जाने वाले फरीदाबाद के दो युवकों की तलाश में छापेमारी की। रात में कोई हाथ नहीं लगा है। एसपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि टीम नोएडा से वापस आ गई है। अब टीम को यहां से सिलीगुड़ी भेजा गया है।वहां के एक हॉस्पिटल और दो लोगों के बारे में जानकारी मिली है। राहुल ने उन्हें ही बच्चे दिए थे। वहां जाकर बच्चों की बरामदगी के प्रयास किए जाएंगे।
वाट्सएप पर बात करता था
डॉक्टर नीलम और राहुल जैसे सदस्यों से डॉ. विष्णुकांत वाट्सएप पर बात करता था। राहुल के मोबाइल में उसकी चैट मिली है। 12 जून को नीलम के घर से बच्चों को ले जाने के लिए उसने राहुल से वाट्सएप पर ही बात की थी। उससे कहा था कि नीलम के यहां से बच्चों को सिलीगुड़ी पहुंचाना है।