आलू किसानों को नहीं झेलना होगा इस बार संकट
आगरा: तीन वर्षो से आलू में नुकसान झेल रहे किसान इस बार किसी संकट में नहीं फंसेंगे।
आगरा: तीन वर्षो से आलू में नुकसान झेल रहे किसान इस बार किसी संकट में नहीं फंसेंगे। फसल से ही आलू के बेहतर दाम मिलने की शुरुआत हो गई थी। बाद में यह बढ़ते ही चले गए। मौजूदा समय में थोक में भी बढि़या गुणवत्ता के आलू के 1800 रुपये कुंतल के दाम मिल रहे हैं। निकासी भी निरंतर हो रही है और दूसरे राज्यों की फसल नहीं आने के कारण मांग में कमी आने की भी आशंका नहीं है।
नुकसान झेल रहे किसानों ने इस बार कम उत्पादन किया था। इस कारण शीतगृहों में कुल क्षमता का 75 फीसद ही भंडारण हो पाया था। इसमें से 50 से 55 फीसद निकासी हो चुकी है। इसके साथ ही प्रतिदिन आधा फीसद आलू की निकासी हो रही है। वहीं बाजार में नवंबर में आने वाला पंजाब और पूर्वी उप्र का आलू भी देरी से आने की संभावना है।
आलू के व्यापार से जुड़े लोग बताते हैं कि बारिश के कारण बाहर से आने वाली फसल प्रभावित है। इसके आने के बाद आगरा के आलू की मांग घट जाती है। इस बार ऐसा नहीं होगा। इसलिए आलू का भाव अभी और बढ़ेगा।
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15 फीसद बीज में भी होगा प्रयोग
कुल भंडारित आलू में से 15 फीसद बीज भी है, जो किसानों ने सुरक्षित रख दिया है। 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के मध्य होने वाली बुवाई में इसकी खपत होगी।
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आलू की स्थिति सही बनी हुई है। बारिश के कारण दूसरे राज्य, पूर्वी उप्र की फसल आने में देरी होगी। किसान निकासी करते चलें तो नुकसान की स्थिति नहीं बनेगी।
डॉ. सुदर्शन सिंघल, अध्यक्ष, कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स एसोसिएशन