खुले आसमान के नीचे तलाश रहे जिदगी की नई सुबह

कोविड अस्पतालों के बाहर जुटे तीमारदार वहीं गुजरते हैं दिन-रात फुटपाथ बना दूसरे जिलों से आए मरीजों के तीमारदारों का बसेरा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:10 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:10 AM (IST)
खुले आसमान के नीचे तलाश रहे जिदगी की नई सुबह
खुले आसमान के नीचे तलाश रहे जिदगी की नई सुबह

आगरा, जागरण संवाददाता। अभी भले मुश्किलें हैं, लेकिन आने वाली सुबह यकीनन नया और अच्छा संदेश लेकर आएगी। ढेरों नकारात्मकता, गमगीन माहौल और अव्यवस्थाओं के बीच सिर्फ इसी आस में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने अपनी गाड़ियों, फुटपाथ और जहां भी जगह मिली वहां बसेरा बना लिया। वहीं वे अपने मरीजों के ठीक होने तक रहते हैं।

यह स्थिति सिर्फ एनएस मेडिकल कालेज में ही नहीं, बल्कि शहर में बने सभी 26 कोविड अस्पतालों के बाहर दिखाई दे रही है। इन अस्पतालों में सिर्फ स्थानीय नहीं, आसपास के जिलों के भी कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कराया गया है। साथ आए तीमारदारों को अस्पताल में रुकने की इजाजत नहीं, इसलिए वह अस्पताल परिसर या आसपास जहां भी जगह मिल रही है, वहां दिन-रात समय काट रहे हैं। मर्ज ही ऐसा है कि वह मरीज के पास रह नहीं सकते। मरीज को छोड़कर घर पर भी नहीं बैठ सकते। इसलिए स्वजन में से कोई न कोई व्यक्ति हर दिन लंबा सफर तय कर रहा है या अस्पताल परिसर में डेरा डाले हुए है। रात में मच्छर सोने नहीं देते और दिन में मरीज के स्वास्थ्य की चिता बेचैन रखती है। खुद कर रहे अपना इंतजाम

बाहरी जिलों से आए तीमारदारों को अपने खाने-पीने का इंतजाम खुद ही करना पड़ रहा है। हालांकि कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं भी उन्हें खाना उपलब्ध करा रही हैं। आगरा में एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, मथुरा, हाथरस आदि जिलों के मरीज भर्ती हैं। चिकित्सकों से मिलती है सूचना

एटा से आए हरीराम ने बताया कि उनका मरीज कोविड वार्ड में भर्ती है। सेहत की सूचना सिर्फ चिकित्सकों के माध्यम से ही मिल रही है। कंट्रोल रूम पर फोन करने पर सही जवाब नहीं मिलता। ऐसे में चिता लगी रहती है, इसलिए अस्पताल के बाहर ही डेरा जमाया हुआ है।

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