मुंबई में सीखकर आगरा में बनाया सबील

आगरा: मुंबई में रहना आगरा में पहचान बन गया। बुंदन मियां द्वारा बनाया सबील इमाम हुसैन की शान बन गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 07:00 AM (IST)
मुंबई में सीखकर आगरा में बनाया सबील
मुंबई में सीखकर आगरा में बनाया सबील

आगरा: मुंबई में रहना आगरा में पहचान बन गया। बुंदन मियां द्वारा बनाया सबील इमाम हुसैन की शान बन गया। अब यहां पर मोहर्रम की नौ तारीख को लोगों का जमावड़ा लगा रहता है।

दरअसल पाय चौकी कटरा दबकियान निवासी बुंदन मियां 40 वर्ष पहले मुंबई में नारे (चांदी का कचरा) का काम करते थे। वहां पर ताजिया के दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकार से सबील बनते देख, वहां पर सबील बनाना सीखा और उस हुनर से आगरा में पहचान बना ली। अब बुंदन का पूरा परिवार सबील तैयार करता है। इस साल उन्होंने थर्माकोल से अल्लाह के अंदर पंचतन पैगंबर मोहम्मद साहब, हजरत अली, बीबी फातिमा, हजरत इमाम हुसैन-हसन के नाम बनाए हैं। पिछले साल चांद, जन्नत का दरवाजा, मक्का-मदीना, ख्वाजा अली सहित विभिन्न प्रकार की सबील तैयार की हैं। नौ मोहर्रम को आगरा व अन्य जिलों से लोग देखने के लिए पहुंचेंगे।

300 साल पुराना चांदी का ताजिया : पाय चौकी स्थित बेगम ड्योढ़ी में चांदी का ताजिया रखा गया है। यह ताजिया 300 साल से लगातार रखा जा रहा है। मोहम्मद सद्दीक के अनुसार उनकी छह पीढि़यों से ताजिया बना हुआ है। हर बार उसको सात मोहर्रम को रखा जाता है।

अब्बास का अलम बरामद : शाहगंज स्थित चिल्लीपाड़ा में एक मोहर्रम से मजलिसों का दौर जारी है। बुधवार को भी मजलिस पढ़ी गई। इसके बाद अब्बास का अलम (झंडा) बरामद किया गया। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों ने शाहगंज का दौरा किया। इस दौरान इमाम ए जुमा सैय्यद गौहर अली जैदी, अली रिजवी, सनी, अब्बास, फैज, मोहम्मद जफर काजमी, नजफ रिजवी, कशफ रिजवी आदि मौजूद रहे।

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