मुश्किल जरूर, नामुकिन नहीं नकल विहीन बोर्ड परीक्षा

आगरा: उप्र बोर्ड की परीक्षा सात फरवरी से होने की घोषणा के बाद से छात्र व अभिभावकों की चिंता बढा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 10:01 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 10:01 PM (IST)
मुश्किल जरूर, नामुकिन नहीं नकल विहीन बोर्ड परीक्षा
मुश्किल जरूर, नामुकिन नहीं नकल विहीन बोर्ड परीक्षा

आगरा: उप्र बोर्ड की परीक्षा सात फरवरी से होने की घोषणा के बाद से छात्र व अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। वहीं शिक्षा विभाग से जुड़े पूर्व व वर्तमान शिक्षकों और कर्मचारियों की भी कई समस्याएं हैं, जिनका वक्त पर निस्तारण नहीं हो पा रहा। यह बुधवार को दैनिक जागरण के नियमित कार्यक्रम प्रश्न पहर में देखने को मिला। छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के साथ शिक्षकों के कई कॉल आए। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) रविंद्र सिंह ने सभी सवालों के जवाब दिए। साथ ही समस्याओं का समाधान करने का भरोसा भी दिया। सवाल: सेवानिवृत्ति बाद पेंशन और जीपीएफ फंड नहीं मिला। विद्यालय ने भी फंड व पेंशन दिलाने की कोई कोशिश नहीं की।

रेखा गुप्ता, सेवानिवृत्त, शिक्षक, मुरारीलाल ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज।

जवाब: सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन, जीपीएफ के दस्तावेज स्वीकृत हो चुके हैं। मामला डीआइओएस टू का है। ग‌र्ल्स कॉलेज उन्हीं के क्षेत्र में आते हैं।

सवाल: प्राइवेट स्कूलों पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन हर जगह स्कूल खुले हुए हैं। विभाग कार्यवाई क्यों नहीं करता है?

किशन सिंह, ग्राम दुलारा,फतेहपुर सीकरी,

जवाब: गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मान्यता न मिलने पर संचालकों के नाम रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

सवाल: शिक्षा विभाग से जनसूचना मांगी थी। सूचना जिला कार्यालय ने विद्यालय के प्रधानाचार्य के पास भेज दी, जबकि प्रधानाचार्य इस बात से इन्कार करता है। सूचना कहां से मिलेगी?

मनोज सिकरवार, खेरिया मोड़

जवाब: विद्यालय में सूचना दी जा चुकी है। प्रधानाचार्य के पास से सूचना मिल जाएगी। वहां से नहीं मिलने पर जिला कार्यालय में आकर संपर्क कर सकते हैं।

सवाल: मेरी बेटी अध्यापक है। स्कूल में हर काम के पैसे मांगे जाते हैं और स्कूल में छात्रों व अध्यापकों के लिए टायलेट तक नहीं हैं?

जवाब: ग‌र्ल्स कॉलेजों को डीआइओएस टू देखते हैं। स्कूलों में पूर्ण व्यवस्था करने के निर्देश हैं। सभी के कार्य भी स्वीकृत हो चुके हैं। सवाल: प्राथमिक विद्यालय में मेरे बच्चे पढ़ते हैं। वहां पर किसी भी बच्चे को किताबें और ड्रेस नहीं मिली। अध्यापक विभाग से सामग्री न मिलने की बात कहते हैं। एक अध्यापक का छात्रों से सही व्यवहार नहीं है?

दिनेश,जैतपुर, बाह

जवाब: मामल बेसिक शिक्षा से जुड़ा है। फिर भी मैं समस्या हल कराने की कोशिश करता हूं। आरोपी शिक्षक की जांच कराई जाएगी। सवाल: प्राइमरी स्कूल में व्यवस्था सही नहीं है। छात्र परेशान होते हैं?

जमील खान, कच्ची सराय,

जवाब: बीएसए से शिकायत कर स्कूल निरीक्षण की मांग करें। शिक्षकों की भी हाजिरी भी देखी जाए। स्कूल के हालात भी सुधर जाएंगे।

जागरण के सवाल

सवाल: सात फरवरी से परीक्षा शुरू होने की घोषणा हो गई है। ऐसे में क्या 180 दिन कक्षाएं चल पाएंगी?

जवाब: विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं शुरू कर दी हैं। कुछ कॉलेजों में शुरू नहीं हो पाई हैं। इस संबंध में गुरुवार को सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य के साथ बैठक कर सख्त निर्देश दिए जाएंगे।

सवाल: नकल विहीन परीक्षा के लिए क्या इंतजाम हैं? इसके लिए विभाग कितना तैयार है?

जवाब: अभी तैयारियां जारी हैं। सभी कॉलेजों में वॉइस रिकॉडिंग व और सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। अगर, फिर भी कोई नकल कराता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। रिपोर्ट दर्ज कराकर जेल भिजवाया जाएगा। साथ ही सेंटर का निर्धारित बोर्ड द्वारा किया जा रहा है। पूरा कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा और डाटा बोर्ड की साइट पर उपलब्ध है। कॉलेजों के प्रधानाचार्य साइट पर जाकर चैक कर सकते हैं। आपत्ति होने पर जिला कार्यालय में शिकायत करें, शिकायत करने का मौका केवल तीन दिन है।

सवाल: नकल के दोषी पाए जाने पर विभाग क्या कार्रवाई करेगा?

जवाब: दोषी पाने पर कठोर कार्रवाई होगी। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी, जो संगठन नकल कराने की जिम्मेदारी देते हैं। विभाग उन पर पहले से नजर बनाकर रखेगा। वहां पर चैकिंग की व्यवस्था अधिक की जाएगी।

सवाल: परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग की क्या तैयारी है?

जवाब: परीक्षा को लेकर शासन की ओर से नई घोषणा की उम्मीद है। विगत वषरें तरह ही परीक्षा में सख्ती बरती जाएगी। इस बार पूर्णत: नकल विहीन परीक्षा होगी।

सवाल: जिले के कई कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं।

जवाब: कॉलेजों में रंगाई पुताई का कार्य चल रहा है। सभी कॉलेजों में बायोमीट्रिक मशीन के माध्यम से अध्यापक हाजरी लगा रहे हैं। साथ ही शिक्षा व कॉलेज की व्यवस्था सुधारने के लिए सभी प्रधानाचार्य के साथ बैठ की जा रही हैं।

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