Taj Mahal: ताजमहल की गुंबद के बाद अब चारों बुर्जियों का संरक्षण

Taj Mahal एएसआइ ने नवंबर में की थी गुंबद पर पच्चीकारी के संरक्षण की शुरुआत। मार्च के पहले सप्ताह में बुर्जियों का संरक्षण कार्य पूरा होने की है उम्मीद। एएसआइ ने ताजमहल में मुख्य मकबरे के गुंबद के संरक्षण का काम नवंबर में शुरू किया था।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 02:52 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 02:52 PM (IST)
Taj Mahal: ताजमहल की गुंबद के बाद अब चारों बुर्जियों का संरक्षण
एएसआइ ने ताजमहल में मुख्य मकबरे के गुंबद के संरक्षण का काम नवंबर में शुरू किया था।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल के गुंबद के संरक्षण के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने उसके चारों ओर बनी बुर्जियों के संरक्षण की सुध ली है। बुर्जियों से निकले पच्चीकारी के पत्थरों को लगाया जा रहा है। दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी बुर्जी पर पाड़ बांध दी गई है। उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी बुर्जी का संरक्षण भी किया जाएगा।

एएसआइ ने ताजमहल में मुख्य मकबरे के गुंबद के संरक्षण का काम नवंबर में शुरू किया था। यहां 30 फुट की ऊंचाई तक सिलेंडरनुमा ड्रम पर हो रही पच्चीकारी के निकले पत्थरों को लगाने के साथ गुंबद पर प्वाइंटिंग का काम पूरा हो चुका है। इसके बाद एएसआइ ने मुख्य मकबरे के गुंबद के चारों तरफ बनी बुर्जियों का संरक्षण शुरू किया है। दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी बुर्जी के संरक्षण से इसकी शुरुआत हुई है। बुर्जी में गज के पत्थर (काले रंग का बार्डर) कई जगह से निकल गए हैं। उन्हें लगाया जा रहा है। इसके साथ ही कलश (पिनेकल) के खराब हुए पत्थर बदले जाएंगे। दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी बुर्जी के संरक्षण के बाद उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी बुर्जी का संरक्षण होगा। यह काम मार्च के पहले सप्ताह तक पूरा होने की उम्मीद है। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि मुख्य मकबरे के गुंबद के साथ ही उसके चारों ओर बनी बुर्जियों का संरक्षण भी किया जा रहा है। करीब 24 लाख रुपये इस पर व्यय हो रहे हैं।

80 वर्ष पहले हुआ था गुंबद पर काम

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1941-44 में ताजमहल के गुंबद पर संरक्षण कार्य किया गया था। तब गुंबद के चटके पत्थरों को रीसेट करने के साथ पच्चीकारी के निकले हुए पत्थर लगाए गए थे। 

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