Adulterated Butter: ढाबे की रोटी पर पिघलने वाला मक्खन हो सकता है नकली भी, एेसे करें पहचान
Adulterated Butter नकली मक्खन पर एफएसडीए की नजर हुई टेढ़ी। 10 रुपये में बिक रही मक्खन की टिक्की। ढाबों रेस्टोरेंट और ठेलों पर होगा निरीक्षण। इस साल जुलाई में एफएसआइ के सहयोग से घी मसाले रिफाइंड और सरसों के तेल के सर्वे के लिए 120 नमूने लिए गए थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। ढाबे पर जाते ही सबसे पहले रोटी और दाल आर्डर करने वाले लोगों को रोटी के साथ मिलने वाले मक्खन की टिक्की खासा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए शहर के बाजार में बिक रही मिलावटी मक्खन पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग(एफएसडीए) ने नजर टेढ़ी कर दी है। दस रुपये में एक टिक्की के रूप में शहर के ढाबों, रेस्टोरेंट और ठेलों पर यह मक्खन बहुतायत में बिक रहा है।
क्या है नकली मक्खन
मक्खन को लंबे समय तक उपयोगी और ठोस बनाए रखने के लिए ट्रांस फैट की मात्रा को तय मानक से कई गुना ज्यादा बढ़ा दिया जाता है।ट्रांस फैट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।इससे मोटापा तो बढ़ता ही है साथ में मधुमेह और दिल संबंधी बीमारियां भी होती हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक सिर्फ ट्रांस फैट के कारण ही हर साल लगभग पांच लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
क्या है ट्रांस फैट
ट्रांस फूड स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाला हानिकारक पदार्थ है।इसे ट्रांस फैटी एसिड भी कहा जाता है।डब्ल्यूएचओ ने खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट की मात्रा एक फीसद निर्धारित की है।
कैसे पहचानें असली मक्खन
मक्खन की पहचान के लिए सबसे पहले बर्तन में रखकर उसे गर्म करें।अगर मक्खन असली होगा तो यह पिघल कर गाढ़े भूरे रंग का हो जाएगा। नकली होगा तो उसका रंग हल्का पीला पड़ जाएगा।दूसरा तरीका है थोड़ा सा मक्खन हथेली पर रखें। अगर मक्खन पिघलने लगता है तो इसका मतलब उसमें मिलावट नहीं हुई है।
सस्ता होता है नकली मक्खन
उच्च गुणवत्ता वाले मक्खन की कीमत नकली मक्खन के मुकाबले 8-10 गुना ज्यादा होती है। इसी वजह से नकली मक्खन की बिक्री ज्यादा होती है। एक अनुमान के मुताबिक शहर में हर रोज 2500 किलो मक्खन बिकता है।
शासन ने दिए निर्देश
शासन से मिले निर्देश के बाद राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी नकली मक्खन और दूध से संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता जांच के लिए अभियान चलाएंगे।इसके तहत होटल, रेस्टोरेंट, ठेलों और ढाबों पर निरीक्षण किया जाएगा।
पिछले साल हुई थी शिकायत
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल नकली मक्खन की बिक्री को लेकर पीएमओ को पत्र लिखा था। गडकरी ने कहा था कि नकली मक्खन के इस्तेमाल से न केवल लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है, बल्कि पशुपालकों और किसानों को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। पीएमओ के निर्देश के बाद ही भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सख्त और कड़े निर्देश जारी किए हैं।
आंकड़ों पर एक नजर
- अमूल का एक किलो का डिब्बा जिसमें 50 पीस होते हैं, उसकी कीमत 470 रुपये है।
- नकली मक्खन की कीमत एक किलो की 100 से 140 रुपये के बीच है।
- शहर में गुजरात से मक्खन आता है।
- शहर में 500 से ज्यादा ढाबे, 250 से ज्यादा रेस्टोरेंट और 1500 से ज्यादा ठेले हैं।
इस साल जुलाई में एफएसआइ के सहयोग से घी, मसाले, रिफाइंड और सरसों के तेल के सर्वे के लिए शहर भर से 120 नमूने लिए गए थे। जांच के लिए एफएसआइ को सौंप दिए गए थे।दुग्ध उत्पादों पर भी अभियान चलता रहता है।नकली मक्खन को लेकर भी हम जल्द ही अभियान चलाने वाले हैं।
अमित कुमार सिंह, जिला अभिहित