Jagran Impact: कान्हा की गायों को नसीब हुआ अंतिम संस्कार स्थल Agra News

एसडीएम ने गोवंश के अंतिम संस्कार को चिन्हित की जमीन गो समाधि स्थल नाम दिया। एसडीएम ने गोवंश की सेवा को लिए तीन फैसले।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 06:08 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:08 PM (IST)
Jagran Impact: कान्हा की गायों को नसीब हुआ अंतिम संस्कार स्थल Agra News
Jagran Impact: कान्हा की गायों को नसीब हुआ अंतिम संस्कार स्थल Agra News

आगरा, जेएनएन। पद्मश्री जर्मन गोभक्त इरिन फ्रेडरिक ब्रूनिंग उर्फ सुदेवी को गोवंश के अंतिम संस्कार को काफी परेशान थीं। उनके पास कोई जमीन नहीं थी, समीप वर्ती किसान बदबू के कारण अंतिम संस्कार में अड़चन पैदा करते थे। दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से उठाया। एसडीएम ने गोवंश के अंतिम संस्कार के लिए दो हजार वर्ग मीटर भूमि चिन्हित कर दी है। एसडीएम भूमि चिन्हित कर सुदेवी दासी को बताने सुरभि गोशाला पहुंचे और सुदेवी को गो-समाधि स्थल की जानकारी दी, सुरभि गोशाला का निरीक्षण किया। इसके अलावा जतीपुरा मुखारविंद मंदिर पांच सौ गोवंश का पालन करेगा, वहीं गांव पैंठा में दस गाय रखकर गोशाला खोलने की दिशा में कदम बढ़ाए। दरअसल, कान्हा के गोवंश संवर्धन की भूमि गोवर्धन में गायों के अंतिम संस्कार को भूमि चिन्हित नहीं थी, जिससे गो-सेवा में जुटे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। पद्मश्री से सम्मानित जर्मन की इरिन फ्रेडरिक ब्रूनिंग इस दर्द से काफी परेशान थीं। उनकी सुरभि गोशाला में 18 सौ बीमार अनाथ गोवंश की सेवा होती है।

गोवंश की मदर टेरेसा बन सेवा में जुटी जर्मन की इरिन फ्रेडरिक ब्रूनिंग के दर्द को समझते हुए एसडीएम राहुल यादव ने राधाकुंड में दो हजार वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की है। उन्होंने बताया कि इस स्थल को गो समाधि स्थल नाम दिया जाएगा तथा समाज सेवकों की सहायता से चाहरदीवारी से सुसज्जित कर इसको हरियाली युक्त किया जाएगा। 

एसडीएम ने बताया कि जतीपुरा मुखारबिंद मंदिर में आने वाली दानराशि का कुछ भाग गोसेवा में लगाने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रबंधन एक गोशाला का संचालन करेगा, जिसमें करीब पांच सौ गौवंश के पालन की क्षमता होगी। मंदिर प्रबंधन गोशाला की सारी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन करेगा। वहीं गांव पैंठा में 10 गाय रखकर गोशाला खोलने की दिशा में कदम उठाया जाएगा।

थैंक्यू जागरण

गोवंश की समाधि स्थल की भूमि चिन्हित हुई, तो सूदेवी के चेहरे पर मुस्कान तैर गई। उन्होंने प्रमुखता से खबर उठाने पर जागरण को धन्यवाद दिया। सुदेवी ने थैंक्यू जागरण बोलते हुए कहाकि वीजा एक्सटेंशन में भी जागरण ने काफी सहयोग किया था।

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