Dispute of Wall: दयालबाग दीवार प्रकरण बरकरार, मामले में अब हाईकोर्ट में जवाब दाखिल नहीं कर सका आगरा प्रशासन
दयालबाग में राधा बाग के पास बनी दीवार को लेकर सत्संगियों और प्रशासन के बीच विवाद है। प्रशासन ने जवाब देने के लिए मांगा है कुछ समय 31 अगस्त को होगी अगली सुनवाई। हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन से दीवार तोड़ने से पहले अपनाई लीगल प्रक्रिया पर मांगा है जवाब।
आगरा, जागरण संवाददाता। दयालबाग में प्रशासन द्वारा दीवार ढहाने के खिलाफ सत्संगियों द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई 31 अगस्त तक टल गई है। हाईकोर्ट ने दीवार ढहाने से पहले अपनाई गई विधिक प्रक्रिया के बारे में प्रशासन से जवाब मांगा था। उसे तीन अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने की कहा था। प्रशासन ने जवाब तैयार करने के लिए हाईकोर्ट से समय मांगा है। जिस पर उसने सुनवाई के लिए अब 31 अगस्त की तारीख तय की है।
दयालबाग में राधा बाग के पास बनी दीवार को लेकर सत्संगियों और प्रशासन के बीच विवाद है। प्रशासन का कहना है कि सत्संगियों ने चक रोड पर अतिक्रमण करके दीवार बनाई है।वहीं सत्संगियों का दावा है कि दीवार का निर्माण उन्होंने अपनी नहर की निजी जमीन पर बनाई है। उन्हाेंने अपनी जमीन पर निजी नहर बनाने के लिए अंग्रेजी शासनकाल में वर्ष 1935 में तत्कालीन सरकार से अनुबंध किया था। वहीं चक रोड वर्ष 1963 में बनी थी।
तहसील सदर की टीम ने इस साल मार्च में भी दीवार को ढहा दिया था। जिसके खिलाफ सत्संगियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर 27 जुलाई को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार और प्रशासन से जवाब तलब किया है।उसने प्रशासन से पूछा है कि याची को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था कि नहीं। राधा स्वामी सत्संग सभा के सचिव जीपी सत्संगी ने बताया कि प्रशासन ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया है। याचिका पर अब 31 जुलाई को सुनवाई होगी।
लेखपाल ने छह लोगों के खिलाफ दर्ज कराया है मुकदमा
तहसील सदर की टीम ने दस दिन पहले थाना दिवस में शिकायत के बाद बुलडोजर से दीवार को ढहा दिया था। सत्संगियों द्वारा दोबारा दीवार बनाने पर लेखपाल की ओर से राधा स्वामी सत्संग सभा के सचिव जीपी सत्संगी समेत छह नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ न्यू आगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
दोबारा बनी दीवार के पास पीएसी तैनात
दस दिन पहले तहसील की टीम ने दीवार को बुलडोजर से ढहा दिया था। जिसे लेकर सत्संगी और प्रशासन की आमने-सामने आ गया था। सत्संगियों ने दीवार ढहाने काे प्रशासन की मनमानी बताते हुए अगले दिन उसे दोबारा बना दिया था। सत्संगियों ने इसे प्रशासन के खिलाफ संकेतात्मक विरोध बताया था। विवाद की स्थिति दोबारा पैदा न हो, इसके मद्देनजर वहां पर पीएसी तैनात है।