आचार्य मेरुभूषण ने त्यागा आचार्य का पद, लिया संल्लेखना

समाधि की ओर अग्रसर हो गए हैं आचार्य शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में कर रहे हैं प्रवास

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 09:17 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 09:17 PM (IST)
आचार्य मेरुभूषण ने त्यागा आचार्य का पद, लिया संल्लेखना
आचार्य मेरुभूषण ने त्यागा आचार्य का पद, लिया संल्लेखना

आगरा, जागरण संवाददाता। शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, हरीपर्वत में विराजमान सल्लेखनारत आचार्य मेरुभूषण महाराज का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। स्वास्थ्य की प्रतिकूल अवस्था देखकर आचार्य ने आचार्य पद त्याग दिया है। उन्होंने अपना आचार्य पद अतिवीर मुनिराज को देने की बात कही और समाधि की ओर अग्रसर हो गए हैं।

आचार्य का आहार नहीं हो पा रहा है और ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया है। रविवार को आचार्य का आहार केवल पानी के रूप में ही रहा। वे अधिक देर खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं। जिसके चलते आचार्य ने समाधि लेने का भाव व्यक्त किया है। मुनि विशोक सागर महाराज, आचार्य के साथ हैं। उन्होंने आगरा के आसपास मंगल प्रवास कर रहे मुनियों को ऐसे समय में अपनी परिस्थिति देखकर शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, हरीपर्वत में आकर आचार्य की समाधि में सहयोग करने को कहा है। आचार्य मेरुभूषण महाराज तीन वर्ष से शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, हरीपर्वत में मंगल प्रवास कर रहे हैं। आगरा के ही हैं निवासी : आचार्य मेरुभूषण आगरा के ही मूल निवासी हैं। उनका जन्म 21 अप्रैल, 1951 को किरावली के गांव बसैया में हुआ था। उनके पिता बाबूलाल जैन और मां रम्मोबाई जैन थीं। आचार्य ने एमए, एलएलबी तक शिक्षा ग्रहण की है। आचार्य विमल सागर महाराज ने वर्ष 1984 में उन्हें ब्रह्मचर्य व्रत धारण कराया था। उनको ऐलक दीक्षा 28 अप्रैल, 2002 को बागपत के अतिशय क्षेत्र बड़ा गांव में आचार्य विद्याभूषण सन्मति सागर महाराज ने दी। वर्ष 2004 में आचार्य सिद्धांत सागर महाराज ने उन्हें आचार्य पद पर पदारोहण किया था। आचार्य ने विभिन्न विषयों पर 15 पुस्तकें लिखी हैं।

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